जुबिली न्यूज डेस्क
आत्म निर्भर भारत रोजगार योजना को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। जिसे लेकर एक बड़ी घोटाले का खुलासा किया गया है। यह योजना सरकार की ओर से कोरोना काल में औद्योगिक इकाइयों में काम करने वालों की नौकरी बचाने और नई इकाइयों को पीएफ अंशदान में मदद के लिए शुरू की गई थी। इसमें बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय कानपुर रीजन से जुड़े 600 प्रतिष्ठानों को संदिग्ध सूची में डालकर इनके किसी भी प्रकार के दावे पर रोक लगा दी गई है।
बता दे कि मिली जानकारी के मुताबिक कानपुर में दो फर्जी कंपनियों के जरिए करीब 57 लाख रुपये पीएफ से निकाल लिए गए हैं। संबंधित कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जांच के बाद मामले के और बढ़ सकते हैं। फर्जी कंपनियों के जरिए हुए फर्जीवाड़ा की पुष्टि क्षेत्रीय आयुक्त ने की है।
एक अक्तूबर 2020 को शुरू हुआ योजना
कोरोना काल में हुए लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक इकाइयों ने अपने कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया था। पीएफ जमा करना तक बंद कर दिया था। ऐसी इकाइयों के अलावा नई इकाइयों को राहत देने और लोगों की नौकरी बचाने के लिए केंद्र सरकार ने आत्म निर्भर भारत रोजगार योजना को एक अक्तूबर 2020 को शुरू किया था।
कोविड महामारी के दौरान सामाजिक सुरक्षा लाभ और रोजगार के नुकसान की भरपाई के साथ-साथ नए रोजगार के सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना थी। इसमें बड़े पैमाने पर नई कंपनियों ने पंजीकरण कराया था। योजना का अच्छा असर देखते हुए पंजीकरण की अंतिम तारीख 30 जून 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दी गई थी।
ये भी पढ़ें-Hemant Soren बोले- ‘आदिवासी का बेटा हूं…
सूत्रों ने बताया कि शहर के दर्शनपुरवा स्थित मेसर्स नवरून चैरिटेबल फाउंडेशन ने जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक करीब 84 लाख का अपफ्रंट लाभ लिया है। जांच में पता चला कि इस प्रतिष्ठान ने 320 दावों के जरिए 45 लाख रुपये की पीएफ निकासी की। प्रतिष्ठान में कर्मचारी फर्जी दिखाए गए। इसी तरह मेसर्स दीपक ठेकेदार ने दिसंबर 2020 से दिसंबर 2021 तक 42 लाख का अपफ्रंट लाभ लिया है। जबकि प्रतिष्ठान के पास कोई वर्क आर्डर नहीं है।
अब तक 600 प्रतिष्ठान संदिग्ध मिले
104 दावों के जरिए 12 लाख रुपये की निकासी की गई। इन दोनों मामलों के सामने आने के बाद रीजन के सभी 14 जिलों के कार्यालयों में जांच की गई तो अब तक 600 प्रतिष्ठान संदिग्ध मिले हैं। इनके सभी दावों को रोक कर भौतिक सत्यापन के निर्देश प्रवर्तन अफसरों को दिए गए हैं। इसके अलावा विभाग के उच्च अफसरों, विजिलेंस को भी सारी जानकारी दे दी गई है। इन कंपनियों की छानबीन करके दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
ये भी पढ़ें-सपा दमदार नेताओं को देगी अहम जिम्मेदारी, ऐसे होगा चयन