जुबिली न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर लखीमपुर हिंसा मामले में योगी सरकार को फटकार लगाई है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने यूपी सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील हरीश साल्वे को कहा कि कोर्ट ने कल देर रात तक स्टेटस रिपोर्ट दायर किए जाने का इंतजार किया लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
शीर्ष अदालत ने कहा कि हमें अब स्टेटस रिपोर्ट मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की ओर से सुनवाई को शुक्रवार तक टालने की मांग को भी खारिज कर दिया।
वरिष्ठ वकील साल्वे ने अदालत में बताया कि सील बंद लिफाफे में स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी गई है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमने कल देर रात तक रिपोर्ट दायर किए जाने का इंतजार किया लेकिन रिपोर्ट अब सौंपी गई है।
बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाड़ी से कुचल दिया गया था, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में एक पत्रकार सहित चार अन्य लोग भी मारे गए।
इस हिंसा में कुल आठ लोगों की जान गई थी। किसान संगठनों का आरोप है कि जिस गाड़ी से किसानों को कुचला गया उसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा भी था, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने इन आरोपों को गलत बताया था।
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फिलहाल इस मामले में लगभग एक सप्ताह बाद मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को पुलिस ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई में भी यूपी सरकार के रवैये पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि मर्डर के आरोप में केस दर्ज होने के बाद भी आशीष मिश्रा को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया।
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उच्चतम न्यायालय ने यह भी पूछा था कि क्या किसी आम नागरिक के साथ भी यही रवैया अपनाया जाएगा। कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में सुनवाई शुरू की थी।