जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान चार किसानों, तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं और एक पत्रकार की मौत का मामला लगातार सुर्खियों में है।
किसानों ने इस पूरी घटना पर अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। इतना ही नहीं किसानों के शव को सडक़ पर रखकर प्रदर्शन किया है। अब जानकारी मिल रही है कि किसानों और लखीमपुर खीरी प्रशासन के बीच समझौता हो गया है।
लखीमपुर खीरी में हिंसा के बाद पूरा यूपी इस वक्त राजनीतिक दंगल में बदलता नजर आ रहा है। विपक्षी नेता किसी भी तरह से लखीमपुर जाकर किसानों से मिलने की कोशिशों में जुटे हुए है।
लखीमपुर जाने वाले नेताओं को रोका जा रहा है। इसी कड़ी में प्रशासन ने प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव और शिवपाल यादव जैसे नेताओं को हिरासत में ले लिया है।
यह भी पढ़ें : लखीमपुर मामले में भाजपा सांसद ने सीएम योगी से की ये मांग
यह भी पढ़ें : लखीमपुर खीरी घटना को लेकर राजनीति हुई तेज, कई नेता ‘नजरबंद’
इस बीच पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भी योगी सरकार को पत्र लिखकर लखीमपुर आने की इजाजत मांगी है। हालांकि यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने लखनऊ एयरपोर्ट प्रशासन को आदेश दिया है कि उनके विमान को लैंडिंग न करने दिया जाए।
वहीं राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी के समर्थकों ने टोल प्लाजा बैरियर तोड़ दिया। इसके बाद दौड़ते हुए जयंत चौधरी दौड़ते हुए तेजी से गाड़ी पर सवार हो गए है और लखीमपुर खीरी पहुंचना चाहते हैं। दरअसल यूपी में अगले साल चुनाव है। ऐसे में पूरा विपक्ष लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
वहीं इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से अलर्ट और पल-पल की जानकारी भी ले रहे हैं। योगी ने 20 घंटे के अंदर पूरे मामले को संभालते हुए नजर आए है।
यह भी पढ़ें : ड्रग्स केस: आर्यन खान को एक दिन की एनसीबी रिमांड में भेजा गया
यह भी पढ़ें : लखीमपुर खीरी हिंसा : हिरासत में लिए गए अखिलेश यादव
इसका नतीजा यह रहा कि विपक्ष को इस पूरे मामले में राजनीति करने का कम मौका मिला है। हालांकि सोमवार की सुबह-सुबह विपक्ष पूरी तरह से इस मामले को भुनाने में जुट गया था लेकिन दोपहर तक पूरे मामले को योगी ने संभाल किया।
दरअसल किसान नेता राकेश टिकैत और प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने इस पूरे मामले पर एक साथ प्रेस वार्ता कर डाली।
और एकाएक पूरा मामला ठंडा पड़ गया और वपक्ष की राजनीति भी इस मामले में कमजोर पड़ती नजर आई क्योंकि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों की सारी मांगें मान ली।
इतना ही नहीं बीजेपी के कई नेता मीडिया में कहते नजर आये कि योगी ने पूरे मामले को काफी बेहतर ढंग से हैंडल किया है। विपक्ष कुछ समझ पाता उससे पहले ही योगी ने बड़ा दांव खेलते हुए इस मामले को समझौते की शक्ल दे डाली। इसके साथ ही योगी ने किसान नेता राकेश टिकैत के सहारे समझौता करा विपक्ष की बोलती बंद कर दी है।