Wednesday - 30 October 2024 - 10:28 PM

कोरोना काल में लग्न इंडस्ट्री हुई चौपट

सैय्यद मोहम्मद अब्बास

पीछे बाराती आगे बैंड बाजा… आए दूल्हे राज… गोरी खोल तू दरवाजा… हालांकि गाने की शुरुआत में शहनाई बजायी गई है। ये गाना मशहूर फिल्म हम किसी से कम नहीं का है। इस फिल्म में संजय दत्त अपनी बारात लेकर घर से निकले हैं और साथ में बैंड बाजा और बाराती है लेकिन मौजूदा समय में यही बैंड बाजा और ज्यादा संख्या में बाराती ले जाने पर बैन लगा है। कोरोना काल में लग्न इंडस्ट्री भी पूरी तरह से चौपट हो चुकी है।

दरअसल कोरोना की वजह से इस पर रोक लगी है। शादी में कम से कम लोग शिरकत कर सकते हैं। कोरोना की वजह से शादी-ब्याह में काफी रूकावट आ रही है। शादी के लिए लॉन, कैटरर्स, शहनाई और बैंड बाजा सब कुछ अहम हिस्सा होते हैं लेकिन कोरोना काल में इनसे जुड़े लोगों पर रोजगार का संकट आ गया है और लोग भूखे मरने की कगार पर पहुंच गए है।

साथ ही कोरोना काल में न बैंड-बाजा न ही बारात, कोरोना की चपेट में शादियों से जुड़ा कारोबार भी आ गया है। जानकारी के मुताबिक लग्न इंडस्ट्री को भी करोड़ा का नुकसान हो रहा है। केपीएमजी की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत का शादी का बाजार करीब 50 अरब डॉलर का है और कोरोना वायरस की वजह से इस पर बहुत बुरा असर पड़ा है।

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बैंड-बाजा से जुड़े लोगों का क्या कहना है

लखनऊ में आजाद बैंड के मालिक राम कुमार बताते हैं कि इस लॉकडाउन में उनके कारोबार को पूरी तरह से तोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि शादी का सीजन पूरी तरह से निकल गया है। रामकुमार ने बताया कि अप्रैल, मई और जून का महीना शादियों का सीजन होता है लेकिन कोरोना काल की वजह से सबकुछ खत्म हो गया है। लोग शादी को टाल रहे हैं।

उन्होंने बताया कि एक शादी में लाइट, बैंड और डीजे के लिए कम से कम 25 से 27 हजार रुपये कमा लेते हैं। उन्होंने जुबिली पोस्ट से अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि 180 लोग प्लेन से आ सकते हैं और बसों में लोग सफर कर सकते हैं लेकिन शादी में केवल 50 आदमी समझ से परे हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ में 250 से 300 बैंड है लेकिन सभी का रोजगार खतरे में है।

लग्न इंडस्ट्री पर एक नजर

कैटरिंग कारोबार हुआ चौपट : कोरोना काल में कैटरिंग का कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है। बात अगर लखनऊ की जाये तो करीब 400 करोड़ रुपये का कैटरिंग कारोबार प्रभावित हुआ है। जानकारी के मुताबिक 50 हजार लोग कैटरिंग से लोग जुड़े हैं। ऐसे में शादी का सीजन निकल जाने की वजह से इन लोगों के रोजगार पर खतरा मंडरा रहा है।

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बैंड इंडस्ट्री को हुआ नुकसान : जानकारी के मुताबिक आठ मार्च के बाद से कोई बैंड बजा नहीं है। आजाद बैंड के मुताबिक लग्न सीजन में दो सौ लोगों को रोजगार मिलता है लेकिन पूरा सीजन निकल गया है। बैंड बाजा में करीब 28 लोग इसमें लगे होते हैं। लाइट उठाने से लेकर डीजे बजाने वाले कई लोग होते हैं। दो लोग जेनरेटर खींचने वाले भी होते हैं लेकिन कोरोना काल में सभी लोग बेरोजगार हो गए है।

शहनाई की गुंज नहीं पड़ेगी सुनाई : शादी के घर में शहनाई बेहद शुभ मानी जाती है और लोग इसकी धून से पूरा माहौल शानदार हो जाता है। शहनाई वादक ग्रुप में एक शादी में दस से 15 हजार रुपये कमाता है लेकिन कोरोना काल में शहनाई गुंज भी नहीं सुनाई पड़ रही है।

टेंट एंड डोकोरेशन को भी भारी नुकसान : कोरोना काल में शादियां नहीं हो रही है। इस वजह से टेंट एंड डोकोरेशन करने वालों को करोड़ा का नुकसान उठाना पड़ रहा है। करीब एक से डेढ़ लाख लोगों का रोजगार खतरे में पड़ गया है।

अब तक लखनऊ में इतनी शादियां हुई कैंसल

लोग कोरोना की वजह से अपनी शादी को टालते नजर आ रहे हैं। बात अगर केवल उत्तर प्रदेश की राजधानी की जाये तो 2000 शादियां अब तक कैंसल हो चुकी है। मैरीज लॉन में 95% बुकिंग को रद्द कर दिया गया है।

यूपी में 30 लोग शामिल हो सकते हैं

योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है जिसमें कहा गया है कि 30 जून तक राज्य में कोई भी सार्वजनिक सभा नहीं होगी। शादी में 30 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई है। महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में 5-10 लोगों को ही शादी के समारोह में शामिल होने की अनुमति है। कुल मिलाकर देखा जाये तो कोरोना काल में हर कोरोबार खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है।

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कोरोना वायरस की वजह से पूरा देश परेशान है। कोरोना और लॉकडाउन की वजह देश के लगभग हर सेक्टर को भारी नुकसान हुआ है। आलम तो यह है कि कोरोना वायरस अब अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है।

देश के कई उद्योग धंधे चौपट हो गए है। इस बीच भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी खबर आ रही है। दरअसल कोरोना वायरस ने देश की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ दिया है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान ग्रोस डोमेस्टिक प्रोडेटक यानी जीडीपी 4.2 फीसदी रही है।

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