Sunday - 27 October 2024 - 12:07 AM

गुजरात में मंत्री के बेटे के रोकना लेडी सिंघम को पड़ा महंगा

  • सोशल मीडिया पर कांस्टेबल सुनीता यादव को  कहा जा रहा है लेडी सिंघम

जुबिली न्यूज डेस्क

एक बार फिर सत्ता और रसूख के आगे ईमानदारी और कर्तव्य की हार हुई है। गुजरात में एक कांस्टेबल सुनीता यादव को इसलिए अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ गया क्योंकि उन्होंने राज्य के एक मंत्री के बेटे को कर्फ्यू का उल्लंघन करने से रोका। सिस्टम ने भले ही सुनीता के इस ईमानदारी की कद्र नहीं कि लेकिन सोशल मीडिया पर लोग सुनीता के साथ खड़े हैं। लोग उन्हें लेडी सिंघम कह रहे हैं।

गुजरात में स्वास्थ्य मंत्री के बेटे को कर्फ्यू का उल्लंघन करने से रोकने वाली कांस्टेबल सुनीता यादव के खिलाफ कार्रवाई किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सप्ताह जब सूरत में कांस्टेबल सुनीता यादव ने दो व्यक्तियों को कर्फ्यू के दौरान गाड़ी में घूमने के लिए और मास्क ना पहनने के लिए रोका तो दोनों युवक सुनीता से बहस में उलझ गए।

ये भी पढ़े :  लीक तो ‘पुरानी’ है, पर राह नई है

ये भी पढ़े : इन चुनौतियों से कैसे पार पायेंगे हार्दिक पटेल ?

ये भी पढ़े : तो क्या राजस्थान में वहीं होने जा रहा है जो मार्च में एमपी में हुआ था?

सुनीता इन दोनों को छोडऩे को तैयार नहीं हुई तो उन दोनों ने वहां अपने मित्र प्रकाश कनानी को बुला लिया। प्रकाश वराछा रोड इलाके से विधायक और स्वास्थ्य राज्य-मंत्री कुमार कनानी के पुत्र हैं। प्रकाश ने यादव को उसके मित्रों को छोडऩे के लिए कहा और उन्हें धमकी दी।

सुनीता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में प्रकाश को यादव को “365 दिनों तक उसी जगह पर खड़े रहने” पर मजबूर करने की धमकी देते हुए सुना जा सकता है।

मीडिया में आई खबरों के अनुसार सुनीता ने मंत्री के बेटे की धमकियों से बिना डरे हुए उन्हें यह कहा कि वो उनकी नौकर नहीं हैं।

12 जुलाई को प्रकाश कनानी और उनके दोनों दोस्तों को हिरासत में तो ले लिया गया लेकिन कांस्टेबल सुनीता यादव का पुलिस मुख्यालय में तबादला कर दिया गया। उसके बाद यादव ने काम से छुट्टी ले ली। ऐसा बताया जा रहा है कि उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है।

ये भी पढ़े :  कोरोना महामारी : खतरे में है महिलाओं और नवजातों का जीवन 

ये भी पढ़े :  मौजूं है प्रियंका गांधी का यह सवाल

ये भी पढ़े :  इस उम्र में छत छिनी तो कहां जायेंगे ये लोग?

ये भी पढ़े : दुश्मन के शव के साथ भी ऐसा नहीं होता, ये तो फिर अपने हैं

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुनीता को माफी मांगने के लिए भी कहा गया है लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

सोशल मीडिया पर सुनीता यादव के खिलाफ की गई कार्रवाई की आलोचना की गई और उनके समर्थन में कई लोगों ने पोस्ट लिखे।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर कहा कि “ऐसे लोगों को सुधारने के लिए सुनीता यादव जैसे और अफसरों को आगे आने की जरूरत है। ”

वहीं जानीमानी अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने मामले पर एक ट्वीट में कहा कि यादव को अपना फर्ज निभाने के लिए पदोन्नति देने की जगह उसे मजबूर हो कर इस्तीफा देना पड़ा।

कुछ लोगों ने तो सुनीता यादव की तुलना हिंदी फिल्म ‘सिंघम’ के मुख्य किरदार से करते हुए उन्हें ‘लेडी सिंघम’ भी कहा।

&

nbsp;

 

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com