न्यूज डेस्क
पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को लेकर आज बड़ा दिन है। विएना संधि के मुताबिक और अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का पालन करते हुए आज पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देगा। पाकिस्तान की तरफ से पहले भी इसका ऑफर दिया गया था, लेकिन इसमें उसने कुछ शर्तें जोड़ दी थीं, जिसका भारत ने विरोध किया था।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने रविवार को बताया कि जाधव को विएना कन्वेंशन के तहत कॉन्सुलर एक्सेस दिया जाएगा। उन्होंने कहा यह एक्सेस इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के फैसले और पाकिस्तान के कानून के तहत दी जाएगी।
कुलभूषण जाधव को 2017 में पाकिस्तान की एक अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी, लेकिन भारत ने इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में अपील की थी और भारत वहां पर केस जीत भी गया था।
अब लंबी लड़ाई के बाद पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत कॉन्सुलर एक्सेस दे रहा है। सोमवार दोपहर 12 बजे कुलभूषण जाधव को सिर्फ दो घंटे के लिए ये एक्सेस मिलेगा।
क्या थी पाकिस्तान की शर्त?
पाकिस्तान को इस मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी, जिसके बाद उसे कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने पर मजबूर होना पड़ा। हालांकि, पहले पाकिस्तान की ओर से शर्त लगाई गई थी जब भारतीय राजनयिक उससे मुलाकात करेंगे तब पाकिस्तान का एक अधिकारी भी उनके साथ होगा, हालांकि भारत को ये बात मंजूर नहीं थी। इसलिए ये प्रस्ताव काफी समय से लटका हुआ था।
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को साल 2016 में गिरफ्तार किया था, पाकिस्तान आरोप लगाता है कि कुलभूषण जाधव एक जासूस है। हालांकि, भारत की ओर से इस दावे को नकारा जा चुका है। भारत की लगातार कोशिशों और दबाव के बाद पाकिस्तान को कई बार इस मसले पर झुकना पड़ा।
2017 में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कोशिशों के कारण कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां ने उनसे पाकिस्तान की जेल में मुलाकात भी की थी, जिसके बाद ये मसला अंतरराष्ट्रीय कोर्ट पहुंचा और वहां से फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई।
क्या होता है कॉन्सुलेर एक्सेस?
दरअसल, अगर किसी देश का कोई नागरिक किसी दूसरे देश में बंद होता है, तब उसे यह सुविधा मिल सकती है। उदाहरण के तौर पर कुलभूषण जाधव भारतीय नागरिक हैं। उन्हें पाकिस्तान ने जेल में कैद कर रखा है। अब दोनों सरकारों की सहमति के बाद जो भारतीय राजदूत या अधिकारी कुलभूषण जाधव से मुलाकात कर पाएगा, उसे कॉन्सुलेर एक्सेस कहा जाता है। इसमें अधिकारी कैदी से उसके साथ किस तरह का व्यवहार हो रहा है, आगे की प्रक्रिया आदि के बारे में पूछताछ कर सकता है।