Monday - 28 October 2024 - 10:53 AM

कोविशील्ड: टीका लेने के बाद खून बहने और थक्के जमने के मिले 26 केस

जुबिली न्यूज डेस्क

कोरोना वायरस की जंग में वैक्सीन एक अहम हथियार माना जा रहा है। इसीलिए अधिकांश देशों में कोरोना का वैक्सीनेशन तेजी से हो रहा है।

अब तो दुनिया के कई देशों के पास कोरोना वैक्सीन है। लोगों को वैक्सीन लग भी रहा है लेकिन वैक्सीन की विश्वसनीयता और उसको लेकर अभी कई सवाल मौजूद है।

भारत में दो वैक्सीन लोगों को लगाई जा रही है। कोविशील्ड और कोवैक्सीन। कोविशील्ड को लेकर भी बहुत सारे सवाल है।  कोविशील्ड की विश्वसनीयता पर कई बार सवाल उठ चुका है।

फिलहाल कोविशील्ड को लेकर बड़ी खबर ये है कि ये वैक्सीन लेने के बाद देश में खून बहने और थक्के जमने के 26 केस मिलने की आशंका व्यक्त की गई है।

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यह बातें कोरोना टीकों को लेकर बने एक पैनल की रिपोर्ट में कही गई है। कोरोना टीकों के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स के अध्ययन को लेकर बने पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसने कुल 498 केसों का अध्ययन किया है, जो गंभीर थे। इनमें से उसे 26 ऐसे केस मिले हैं, जिनमें टीके लगने के बाद खून बहने या फिर खून का थक्का जमने की आशंका है।

आंकड़ों में कहा गया है कि यह टीका बेहद कम रिस्की है, लेकिन आंतरिक तौर पर इसके प्रभाव की आशंका जरूर है। वहीं पैनल ने कोवैक्सिन को लेकर कहा कि ये टीका लेने के बाद खून के थक्के जमने या बहने जैसी कोई समस्या सामने नहीं आई है।

इसके अलावा खून के थक्के जमने को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि टीके की कुल 10 लाख डोज में ऐसे 0.61 केस मिले हैं।

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पैनल की रिपोर्ट के अनुसार 7 अप्रैल तक 7 करोड़ 54 लाख के करीब टीके लगाए गए हैं। इनमें से देश में कोविशील्ड के 68,650,819 टीके लगे हैं, जबकि कोवैक्सिन के 6,784,562 टीके लगे हैं।

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देश में टीकाकरण की शुरुआत से लेकर अब तक कुल 753 जिलों में से 684 में वैक्सीन लेने के बाद किसी बड़े दुष्प्रभाव की बात सामने आई है।

CO-WIN प्लेटफॉर्म के अनुसार कुल 23,000 ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं, जब टीका लेने के बाद कोई समस्या पैदा हुई है। इनमें भी सिर्फ 700 ही ऐसे केस थे, जो गंभीर थे।

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पैनल ने कहा कि भारत बायोटेक की ओर से बनाई गई कोवैक्सिन के इस्तेमाल से खून के थक्के जमने या रक्त बहने जैसी कोई घटना सामने नहीं आई है।

पैनल की रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि खून में किसी प्रकार की समस्या का खतरा दक्षिण एशिया के लोगों में यूरोपीय लोगों के मुकाबले 70 फीसदी तक कम है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जल्दी ही हेल्थकेयर वर्कर्स और वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को प्रेरित किया जाएगा कि टीका लगने के बाद खून का थक्का जमने या ब्लीडिंग जैसी किसी समस्या को लेकर 20 दिन के भीतर ही अवगत कराया जाए।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि टीके के बाद सांस लेने में परेशानी, सीने में दर्द, कंधे पर दर्द, लाल चकत्ते पडऩे या फिर अन्य किसी समस्या के होने पर अवगत कराया जाए।

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