जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले डेढ़ माह से पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। आज भी कोरोना से हालात ठीक नहीं है। शहरों में तबाही मचा चुकी कोरोना अब गांवों में तबाही मचा रही है।
पिछले दिनों न जाने कितने कोरोना मरीजों ने ऑक्सीजन, बेड, वेंटीलेटर और इंजेक्शन न मिलने की वजह से दम तोड़ दिया था।
फिलहाल इस संकट के बीच आज रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित की गयी कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी की पहली खेप सोमवार को लॉन्च की गयी। इस दवा से सभी को बहुत उम्मीदें हैं।
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सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इस दवा को लॉन्च किया। इस महीने की शुरुआत में रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि कोविड-19 के मध्यम लक्षण वाले तथा गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) की ओर से मंजूरी मिल चुकी है।
हाल ही में डीआरडीओ ने एंटी-कोविड दवाई बनाने का दावा किया था। डीआरडीओ ने कहा था कि ग्लूकोज पर आधारित इस दवाई के सेवन से कोरोना ग्रस्त मरीजों को ऑक्सीजन पर ज्यादा निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
डीआरडीओं ने एंटी कोविड मेडिसिन ‘2-डिओक्सी-डी-ग्लूकोज’ (2डीजी) को रेड्डी लैब के साथ मिलकर बनाया है। क्लीनिकल-ट्रायल के बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इस दवाई को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दे दी थी।
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2 डीजी असल में 2 डीजी अणु का एक परिवर्तित रूप है जिसमें ट्यूमर, कैंसर कोशिकाओं का इलाज होता है। इस दवा के ट्रायल में पता चला कि 2 डीजी कोविड मरीजों के इलाज में तो कारगर है ही हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता को भी कम करती है।
फिलहाल इस दवा को सेकेंडरी मेडिसिन की तरह उपयोग करने की परमिशन दी गयी है। अर्थात यह प्राइमरी मेडिसिन के सपोर्ट में यूज की जाएगी।
क्या होगी डोज?
यह मेडिसिन एक सैशे के रुप में उपलब्ध होगी। ओआरएस की तरह इसे भी पानी में घोलकर दिया जाएगा। दवा मरीजों को दिन में दो बार लेना होगा। कोविड के मरीजों को पूरी तरह से ठीक होने के लिए पांच से सात दिन तक यह दवा लेनी पड़ेगी।
दवा के कीमत को लेकर अभी रेड्डीज लैबोरेटरी की तरफ से कुछ भी नहीं कहा गया है। हालांकि कहा गया है कि इसे किफायती दरों पर ही मरीजों तक पहुंचाया जाएगा।
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