जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस से लड़ाई में सबसे अहम हथियार वैक्सीन है। इसीलिए दुनिया भर में कोरोना का टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है।
भारत में भी कोरोना का टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वैक्सीन को लेकर एक विश्लेषण किया है जिसमें बताया गया है कि वैक्सीन मौत से कितना सुरक्षा देती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में कोरोना से होने वाली मौत को रोकने के लिए कोविड वैक्सीन की पहली डोज 96.6 प्रतिशत प्रभावी है। वहीं दूसरी डोज लेने के बाद मौत से 97.5 प्रतिशत सुरक्षा मिल जाती है।
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कोरोना वैक्सीन के प्रभाव पर ब्रीफिंग करते हुए अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही एक ट्रैकर भी लॉन्च होने वाला है जिससे वैक्सीन के प्रभाव का पता चल सकेगा। ट्रैकर के लिए डेटा सरकार के सभी प्रमुख कोविड -19 वैक्सीन संसाधनों से इक_ा किया जाएगा।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि जल्द ही एक ट्रैकर उपलब्ध कराया जाएगान जो यह पता लगाने में मदद करेगा कि कोरोना वैक्सीन का आप पर क्या असर हो रहा है।
ये कोरोना वैक्सीन ट्रैकर नेशनल हेल्थ मिशन CoWin, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कोविड इंडिया पोर्टल और आइसीएमआर टेस्टिंग डेटाबेस से डेटा लेकर उसे एनालिसिस करेगा।
आईसीएमआर के डायरेक्टर ने कहा जल्द ही यह टीका स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर देखने को मिलेगा।
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अपने जुटाए आंकड़े जारी करते हुए आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, ” कोविड की पहली खुराक वायरस से होने वाली मौत को रोकने में 96.6 प्रतिशत प्रभावी है, वहीं वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद मौत को हराने की प्रभावशीलता 97.5 प्रतिशत हो जाती है। टीका हर उम्र के लोगों को सुरक्षा देता है। चाहे वह 60 साल से ज्यादा हों या 45 साल से कम।”