जुबिली स्पेशल डेस्क
कोलकाता। नारदा स्टिंग केस में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के 2 मंत्रियों समेत टीएमसी के गिरफ्तार चार नेताओं को कोलकाता हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली और इन्हें कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।
दरअसल कोलकाता हाईकोर्ट ने फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी समेत चार नेताओं के जमानत आदेश पर लगाई रोक लगा दी है। इसके साथ अब ये चारों न्यायिक हिरासत में भेज दिए गए है।
सीबीआई स्पेशल कोर्ट की तरफ से दी गई जमानत पर कोलकाता हाईकोर्ट ने सोमवार की रात सुनवाई करते हुए रोक लगा दी है
इससे पूर्व हालांकि सात घंटे अंदर ही न्यायमूर्ति अनुपम मुखर्जी के नेतृत्व वाली विशेष सीबीआई अदालत ने चारों गिरफ्तार आरोपियों को जमानत दे दी थी लेकिन इसके बाद सीबीआई ने इस फैसले के खिलाफ कोलकाता हाईकोर्ट पहुंच गई।
जहां पर टीएमसी के चारों नेताओं को झटका लगा है। इन चारों को अब नारदा केस में चारों टीएमसी नेता 19 मई तक सीबीआई की हिरासत में रहना होगा।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में सीबीआई ने आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दो मंत्रियों समेत चार नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने सोमवार को बंगाल सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी के साथ-साथ टीएमसी विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सुवन चटर्जी को गिरफ्तार किया है।
बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ की ओर से इन नेताओं के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दिए जाने के बाद सीबीआई ने यह एक्शन लिया है।
लंबे समय तक टीएमसी से जुड़े रहे सुवन चटर्जी ने 2019 में भाजपा में चले गए थे, लेकिन भाजपा ने बीते विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने पार्टी से किनारा कर लिया।
वहीं मदन मित्रा ने हाल ही में हुए चुनावों में कमरहाटी विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। फिलहाल सीबीआई की कार्रवाई को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं और यह बदला लेने जैसी सोच है।
वहीं बीजेपी का कहना है कि इन गिरफ्तारियों में उसका कोई रोल नहीं है।पार्टी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्जी ने कहा, ‘हमें कुछ नहीं कहना है। बीजेपी का इससे कुछ भी लेना-देना नहीं है।’ मंत्रियों की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से 2016 से पहले उभरे नारदा स्कैम के मामले को सामने ला दिया है।
दरअसल नारदा स्टिंग ऑपरेशन में टीएमसी के कई सीनियर नेता एक फर्जी कंपनी की मदद के बदले में कैश लेते दिखे थे।