जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव दस्तक देने लगा है. 403 सीटों पर दावेदारी करने वाले अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं. 2017 के चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुँचने वाले 403 विधायकों में से मौजूदा 396 विधायकों के वित्तीय, आपराधिक और अन्य विवरणों पर उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच और एसोसियेशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (ADR) ने गहन मंथन किया. इस मंथन में जो महत्वपूर्ण बातें सामने आयीं उन्हें उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब में मंगलवार को यूपी इलेक्शन वाच और ADR के मुख्य प्रदेश संयोजक संजय सिंह, प्रदेश संयोजक अनिल शर्मा और संतोष श्रीवास्तव ने पत्रकारों के सामने रखा.
यूपी इलेक्शन वाच और ADR की यह प्रेस कांफ्रेंस उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को जागरूक करने के लिए है. ताकि वह यह जानें कि वह जिन्हें अपना प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा में भेजते हैं वह वास्तव में हैं कैसे. चुने गए जनप्रतिनिधि कैसे हैं यह बातें जनचर्चा पर आधारित नहीं हैं. यह विश्लेषण खुद उनका अपना किया हुआ है. चुनाव के लिए अपना नामांकन करते वक्त उन्होंने जो शपथपत्र दाखिल किया है उसी में उन्होंने खुद बताई है अपनी आर्थिक स्थिति और खुद पर दर्ज आपराधिक मुकदमों की कहानी. यूपी इलेक्शन वाच और ADR ने सभी विधायकों के शपथपत्रों को पढ़ने के बाद यह विश्लेषण तैयार किया है.
इस विश्लेषण में पाया गया कि 396 विधायकों में से 140 (35 प्रतिशत) विधायकों पर आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं. 106 (27 प्रतिशत) विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. अगर पार्टीवार बात करें तो बीजेपी के 304 में से 106 विधायक, एसपी के 49 में से 18 विधायक एवं बीएसपी के 18 में से दो विधायक एवं कांग्रेस के एक विधायक पर आपराधिक मामले चल रहे हैं.
उत्तर प्रदेश विधानसभा में 396 में से 313 (79 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं. जिनमें सबसे ज्यादा करोड़पति विधायक बीजेपी (304 में से 235) 77 प्रतिशत हैं. दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी के 49 में से 42 (86 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं. तीसरे स्थान पर बीएसपी के 16 में से 15 विधायक करोड़पति हैं जबकि कांग्रेस के सात में से पांच विधायक करोड़पति हैं.
विधायकों की औसतन सम्पत्ति 5.85 करोड़ है. मुख्य दलों की बात करें तो बीजेपी की 304 विधायकों की 5.04 करोड़, समाजवादी पार्टी के 49 विधायकों की औसतन सम्पत्ति 6.07 करोड़, बीएसपी के 16 विधायकों की औसतन सम्पत्ति 19.27 करोड़ एवं कांग्रेस के सात विधायकों की औसतन सम्पत्ति 10.06 करोड़ है.
अगर बात करें सबसे ज्यादा सम्पत्ति वाले विधायकों की तो प्रथम स्थान पर मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से बीएसपी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले शाह आलम उर्फ गुडडू जामाली हैं. जिनके पास कुल 118 करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति है. दूसरे नम्बर पर बीएसपी के ही विनयशंकर हैं. चिलुपर विधानसभा सीट से विधायक बनने वाले विनयशंकर के पास 67 करोड़ से ज्यादा और तीसरे स्थान पर बीजेपी की रानी पक्षालिका सिंह हैं. बाह विधानसभा से विधायक बनीं रानी पक्षालिका सिंह के पास 58 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति है.
अगर विधायकों की देनदारियों की बात की जाये तो 49 विधायकों ने अपनी देनदारी एक करोड़ या उससे अधिक घोषित की है. जिनमें प्रथम स्थान पर नंदगोपाल गुप्ता, इलाहाबाद साउथ सीट से 26 करोड़ एवं दूसरे स्थान पर नेहतुर के विधायक ओम कुमार पर 11 करोड़ की देनदारी है. वहीं तीसरे स्थान पर सिद्धार्थ नाथ सिंह का नाम है, इलाहाबाद वेस्ट विधानसभा से विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह पर नौ करोड़ की देनदारी है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा के 396 विधायकों में से 95 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 8वीं से 12वीं के बीच में घोषित की है. 290 विधायकों के द्वारा अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक या इससे ज्यादा घोषित की है. वहीं चार विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर और 5 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा धारक घोषित की है. 25 से 50 वर्ष के बीच आयु के 206 विधायक एवं 190 विधायक 51 से 80 वर्ष के बीच के उत्तर प्रदेश विधानसभा में हैं. सदन में 43 महिला विधायक हैं, जो कुल विधायकों का 11 प्रतिशत है.
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