न्यूज डेस्क
योगा को सही पहचान दिलाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। 16वीं लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद 27 सितम्बर 2014 को पीएम ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एकसाथ योग करने की बात कही थी। इसके बाद महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को प्रस्ताव को स्वीकार किया गया और इसके बाद से ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अस्तित्व में आया।
हर साल की तरह इस बार भी 21 जून को योग दिवस बड़े जोश के साथ मनाया जायेगा। 5वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम के लिए झारखंड की राजधानी सज-धजकर तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी के लिए प्रभात तारा मैदान में बेताबी दिख रही है। 21 जून, शुक्रवार को रांची में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ देशी-विदेशी मेहमानों समेत 50,000 योग प्रेमियों की भागीदारी होगी। वहीं, इस बार की थीम – पर्यावरण के लिए योग (Yoga for Climate Action) रखी गई है।
बता दें कि भारत में योग अभी से नहीं बल्कि 5000 साल पुराने वक्त से किया जा रहा है। जो कि आपके शरीर और आत्मा को संतुलन रखने में मदद करता है। इसी कारण साधु संतो को दिव्य ज्ञान की भी प्राप्ति हुई है। योग करने से कई खतरनाक बीमारी जैसे डायबिटीज, हद्य रोग, ब्लड प्रेशर बीमारी से आसानी से निजात पा सकते है।
पीएम मोदी ने की पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत की पहल की। 27 सितंबर 2014 को पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एकसाथ योग करने की बात कही थी। इसके बाद महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और तभी से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अस्तित्व में आया।
आखिर 21 जून ही क्यों?
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के 21 जून को होने के पीछे बेहद खास वजह है। दरअसल 21 जून उत्तरी उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे कुछ लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहकर बुलाते हैं। भारतीय परंपरा के अनुसार ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। कहा जाता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है। इसी वजह से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाते हैं।
भारत के नाम दर्ज रिकॉर्ड
21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। पहले योग दिवस पर भारत ने दो शानदार रिकॉर्ड बनाए थे। इस दिन पीएम मोदी ने 35 हजार से ज्यादा लोगों के साथ राजपथ पर योग किया था। पहला रिकॉर्ड 35,985 लोगों के साथ योग करना और दूसरा रिकॉर्ड 84 देशों के लोगों द्वारा इस समारोह में हिस्सा लेना शामिल था।