Tuesday - 11 February 2025 - 3:52 PM

प्रॉमिस डे 1 फरवरी को क्यों मनाया जाता है, और इसका इतिहास क्या है, जानिए

जुबिली न्यूज डेस्क 

प्यार का अहसास सच में अनमोल होता है। जब वैलेंटाइन वीक आता है, तो माहौल प्यार से महक उठता है। वैलेंटाइन वीक के पांचवें दिन, यानी 11 फरवरी को प्रॉमिस डे मनाया जाता है। इस दिन, प्रेमी-प्रेमिका अपने रिश्ते में विश्वास को और मजबूत बनाने के लिए एक-दूसरे से वादे करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह दिन 11 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है, और इसका इतिहास क्या है?

रिश्तों में वादों की अहमियत

हर रिश्ते की बुनियाद इज्जत, विश्वास और कमिटमेंट पर होती है। जिन कपल्स के बीच सच्चा प्यार होता है, वे एक-दूसरे से प्यार निभाने का वादा करते हैं। ये वादे सिर्फ कपल्स के बीच नहीं, बल्कि दोस्तों, परिवार और भाई-बहनों के बीच भी किए जाते हैं। वादे करने से रिश्ते में सम्मान बढ़ता है और यह एक अच्छे तरीके से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का साधन बनता है।

11 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है प्रॉमिस डे?

भारत और दुनियाभर में 11 फरवरी को प्रॉमिस डे मनाने की परंपरा है। यह दिन दो लोगों के बीच संबंध और प्यार को मजबूत बनाने का है। प्रॉमिस डे मनाने की शुरुआत प्राचीन रोम से हुई थी, जहां लोग ‘लुपरकेलिया’ नामक उत्सव मनाते थे। इस पर्व का उद्देश्य था, पुरुषों और महिलाओं की फर्टिलिटी को बढ़ाना और उन्हें माता-पिता बनने की क्षमता प्रदान करना, साथ ही बुरी आत्माओं से छुटकारा पाना। फरवरी माह को प्यार और फर्टिलिटी से जोड़कर देखा गया है। वहीं, ईसाई समुदाय 11 फरवरी को रोमन संत वैलेंटाइन से जोड़कर देखते हैं, जिनसे लोग इस दिन कई प्रकार के वादे करते थे।

आजकल सोशल मीडिया के प्रभाव से बहुत से लोग अपने लक्ष्य और इच्छाओं को मेनिफेस्ट करना शुरू कर चुके हैं। प्रॉमिस भी दरअसल एक तरह का मेनिफेस्टेशन है, जिसमें लोग एक-दूसरे से भविष्य में कुछ वादे करते हैं और उन्हें पूरा करने की दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ते हैं। वादों के कई प्रकार होते हैं। जो वादे प्रेमी एक-दूसरे से करते हैं या जो शादी के दौरान किए जाते हैं, उन्हें ‘solemn promise’ कहा जाता है। इसी तरह, वादों को ‘प्रतीज्ञा’ या ‘शपथ’ भी कहा जाता है, हालांकि ये शब्द आमतौर पर राजनीतिक संदर्भ में अधिक उपयोग होते हैं। इसके अलावा, भगवान से प्रार्थना करना या दुआ मांगना भी एक प्रकार के वादे के रूप में देखा जाता है।

वादा किसी रिश्ते में सकारात्मक प्रभाव डालता है

जब हम किसी से वादा करते हैं, तो यह रिश्ते को और मजबूत बनाता है और एक पॉजिटिव असर उत्पन्न करता है। वादे से व्यक्ति की विश्वसनीयता बढ़ती है और उसकी पर्सनैलिटी भी सकारात्मक रूप से विकसित होती है। हालांकि, यदि वादा निभाया न जाए तो इसका नकारात्मक असर दिल और दिमाग पर पड़ता है। इसलिए वादे हमेशा ऐसे करें जिन्हें निभाया जा सके। प्रॉमिस एक मजबूत धागा की तरह है, जो भले ही दिखाई न दे, लेकिन दो लोगों को आपस में जोड़कर रखता है।

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