जुबिली स्पेशल डेस्क
हाल के दिनों देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस मोदी लहर में कमजोर जरूर हुई। इतना ही नहीं कई राज्यों में उसकी सरकार बनते-बनते रह गई है। आलम तो यह है कि कुछ राज्यों में सत्ता हासिल करने के बाद बेदखल भी कर दी गई। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने कड़ी मेहनत कर सरकार बनायी थी लेकिन बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत कर हाथ का साथ छोड़ दिया। नतीजा यह रहा कि कांग्रेस की सत्ता वहां से चली गई।
इसके आलावा गोवा और मणीपुर जैसे राज्यों में सत्ता हासिल करने में नाकाम रही। दरसअल इन दोनों राज्यों में कांग्रेस बेहद मजबूत थी। इसके आलावा राजस्थान में सचिन पायलट की बगावत की वजह से संकट में आ गई थी लेकिन वहां पर वक्त रहते कांग्रेस के बड़े नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया और सरकार राजस्थान में बच गई।
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हालांकि इस दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान तेज जरूर हो गई। राहुल गांधी ने जब कांग्रेस से किनारा कर लिया था तब सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था लेकिन सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद को छोड़ दिया है। हालांकि इसको लेकर अभी कहा जा रहा है कि इसकी आधिकारिक घोषणा कल की जा सकती है।
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बता दें कि कल ही कांग्रेस की बैठक भी होनी है। बता दें कई नेताओं ने कांग्रेस में पूर्णकालिक अधयक्ष की वकालत की है। अब सोनिया गांधी के पद छोडऩे के बाद नये अध्यक्ष को लेकर कयासों का दौर जारी है। हालांकि कहा जा रहा है कि इस बार कोई गांधी परिवार से कोई अध्यक्ष नहीं बनेगा।
इसको लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पहले भी कह चुके हैं कि कांग्रेस का अध्यक्ष गांधी परिवार से इतर कोई और बनें। ऐसे में अब कांग्रेस के लिए अध्यक्ष चुनना अब बड़ी चुनौती बन गया।
हालांकि अगर गांधी परिवार से अगर कोई अध्यक्ष नहीं बनता है तो कांग्रेस कैसा प्रदर्शन करती है ये तो आने वाले वक्त बताएगा लेकिन गांधी परिवार पर कम दबाव रहेगा। ऐसे में राहुल गांधी और प्रियंका दबाव मुक्त होकर कांग्रेस को मजबूत कर सकते हैं। प्रियंका गांधी इस समय यूपी में कांग्रेस को जिंदा करने में लगी हुई और ज्यादा वक्त यूपी को दे रही है।
पार्टी के पास क्या है विकल्प
राहुल-प्रियंका अगर ये जिम्मेदारी नहीं लेते हैं तो पार्टी के पास दो विकल्प है। पहला कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य किसी एक नाम को चुन लें या फिर चुनाव कराया जाये। हालांकि पार्टी में कई बड़े नाम है जो कांग्रेस के अध्यक्ष पद के दावेदार है।
कांग्रेस से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि हाल में कांग्रेस से बगावत करने वाले सचिन पायलट पर कांग्रेस बड़ा दाव लगा सकती है। जानकारी के अनुसार सचिन पायलट पहली पसंद हो सकते हैं। हालांकि सचिन पायलट के अध्यक्ष बनने को लेकर अभी केवल कयास है।
इन नामों पर हो सकता है विचार
कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है। ऐसे में उत्तर से लेकर दक्षिण तक उसके पास बड़े नाम है। पार्टी में मुकुल वासनिक, कपिल सिब्बल, दिग्विजय सिंह, मिलिंद देवड़ा, शशि थरूर, मनीष तिवारी, ग़ुलाम नबी आज़ाद, पी चिदंबरम, अहमद पटेल, जैसे अनुभवी नेता भी हैं, जो इस समय कांग्रेस की कमान संभाल सकते हैं।
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अगर बड़े नेताओं की बात की जाये तो पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह, एके एंटनी, सुशील कुमार, एके एंटनी व सुशील कुमार शिंदे को जरूरत पडऩे पर कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है। हालांकि खबर यह भी चल रही है कि अशोक गहलोत को कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसके आलावा राजस्थान की जिम्मेदारी सचिन पायलट को सौंपी जा सकती है। कैप्टन अमरिंदर सिंह,भूपेश बघेल और वी नारायणसामी जैसे बड़े नेताओं के नाम पर विचार किया जा सकता है।