जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. आंखी दास के फेसबुक से हटने के बाद कम्पनी ने अपना नया पालिसी प्रमुख चुन लिया है. आंखी दास पर केन्द्र की सत्तासीन पार्टी के पक्ष में काम करने का आरोप था. बीजेपी ने फेसबुक छोड़ने के बाद उन्हें बंगाल से चुनाव लड़ाने की बात कहकर यह भी साबित कर दिया था कि धुंआ बगैर आग के नहीं था.
बहरहाल फेसबुक ने आंखी दास के विदा हो जाने के बाद शिवनाथ ठकराल को अपना नया पालिसी प्रमुख नियुक्त किया है. ठकराल फेसबुक से जुड़ने से पहले व्हाट्सएप में यही ज़िम्मेदारी निभा चुके हैं. मतलब साफ़ है कि वह मार्क जुकरबर्ग की कसौटी पर पहले ही कसे जा चुके हैं.
फेसबुक पर लगातार चल रही हेट स्पीच बहस का मुद्दा बनी हुई थी. इसी मुद्दे को लेकर आंखी दास पर तमाम आरोप लगे थे और मामला पुलिस थाने तक पहुँच गया था. लगातार आरोपों से घिरी आंखी दास को अंतत: अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था.
शिवनाथ ठकराल व्हाट्सएप के लिए भारत और दक्षिण एशिया के पब्लिक पालिसी डायरेक्टर रहे हैं. इस पद पर रहते हुए ठकराल सरकार के साथ फेसबुक कम्पनी के हित में लाबिंग करने का काम करते थे. व्हाट्सएप की ज़िम्मेदारी संभालने के समय ठकराल आंखी दास को ही रिपोर्ट करते थे लेकिन विवादों में घिरने के बाद जब आंखी दास ने फेसबुक छोड़ने का एलान किया तो कम्पनी ने इस पद के लिए ठकराल पर भरोसा किया.
शिवनाथ थराल मूल रूप से पत्रकार हैं. वह एनडीटीवी में 14 साल काम कर चुके हैं. 2014 के चुनाव से पहले ठकराल ने एक साल तक बीजेपी के लिए डिजीटल कम्पेनिंग का काम किया था. इस नाते उनका सरकार के साथ भी अच्छा तालमेल है. यही वह सबसे ख़ास वजह है कि फेसबुक ने आंखी दास की कुर्सी पर उन्हें बिठाने का फैसला किया.
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बताया जाता है कि फेसबुक ने आंखी दास को यह ज़िम्मेदारी दी थी कि वह फेसबुक पर राजनीतिक पार्टियों की टिप्पणियों का आंकलन करें और हेट स्पीच को पहचानकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें लेकिन आंखी दास ने अपनी ज़िम्मेदारी निभाने के बजाय बीजेपी के पक्ष में काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने सिर्फ उन्हीं लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जो कि बीजेपी के खिलाफ लिखते थे. इल्जाम है कि आंखी दास ने सत्तारूढ़ पार्टी से रिश्ता बनाये रखने के लिए बहुत सी वह पोस्ट नहीं हटाईं जो सीधे-सीधे नियमों का उल्लंघन कर रही थीं.