जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव के खिलाफ भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। अब इस चुनाव में कांटे जोरदार टक्कर देने के लिए बीजेपी ने सपा से सांसद व शिवपाल सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले नेता रघुराज शाक्य को टिकट दिया है।
दो बार सांसद व एक बार रहे विधायक
बता दे कि मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य जसवंतनगर के खेड़ा धौलपुर गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म 1 जुलाई 1968 को हुआ है। एमकॉम तक उन्होंने शिक्षा ली है और उनके पिता रामसिंह शाक्य भी पूर्व सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा रघुराज इटावा लोकसभा से साल 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर दो बार सांसद चुने गए थे। साथ ही उन्होंने साल 2012 में सपा के टिकट पर इटावा सदर सीट से विधानसभा चुनाव भी जीता था। उन्हें प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का खास माना जाता है। 27 जनवरी 2017 विधानसभा चुनाव से पहले रघुराज ने सपा से इस्तीफा दे दिया था। सपा में फूट पड़ने के बाद वह शिवपाल यादव से जुड़ गए। शिवपाल यादव ने उन्हें अपनी पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी। मगर साल 2022 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा में शामिल हो गए।
जानें कब शुरू हुआ राजनीतिक सफर
राजनीति की शुरूआत उन्होंने छात्र जीवन से ही शुरू कर दी थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही पूर्व विधायक रघुराज शाक्य बीजेपी में शामिल हो गए थे। साल 2009 में इटावा लोकसभा सीट सुरक्षित होने पर उन्होंने फतेहपुर सीकरी लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था, जिसमें वह हार गए थे। इस दौरान वह छात्र संघ के महामंत्री भी रहे हैं। रघुराज शाक्य का जसवंतनगर में उनके पिता के नाम पर धनीराम शाक्य इंटर कॉलेज भी है। वहीं दूसरी ओर उनकी पत्नी डॉ सीमा शाक्य साल 2011 में जसवंतनगर क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य भी रही हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि रघुराज शाक्य 16 नवंबर को नामांकन करेंगे।
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बीजेपी ने रघुराज शाक्य को दिया टिकट
भाजपा मैनपुरी लोकसभा सीट पर जातिगत आंकड़ों को साधने की कोशिश की। यादव के बाद शाक्य जाति के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। इसके अलावा रघुराज सिंह शाक्य इटावा के जसवंतनगर नगर के मूल निवासी है तो लोकसभा क्षेत्र की जसवंतनगर विधानसभा सीट के मतदाताओं में सेंध लगाने की कोशिश की। इतना ही नहीं ऐसा भी माना जा रहा है कि लंबे समय से सपा से जुड़े रहे। फिर वह शिवपाल सिंह यादव के बेहद करीबी हैं। इस वजह से शिवपाल सिंह के अलग होने पर उन्होंने ने भी सपा छोड़ दी थी तो शिवपाल गुट आज भी उनके साथ है। साथ ही वह दो बार सांसद और एक बार विधायक रह चुके हैं। यही कारण है कि भाजपा ने मैनपुरी से डिंपल के खिलाफ उन्हे उतारा है।
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