Thursday - 6 February 2025 - 1:49 PM

जानिए क्या है यूपी सरकार की नई शराब नीति

जुबिली न्यूज डेस्क

उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति का ऐलान कर दिया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में 2025-26 की आबकारी नीति को मंजूरी दे दी गई। नई नीति के तहत देशी-विदेशी शराब, बीयर और भांग की फुटकर दुकानों का लाइसेंस ई-लॉटरी से जारी किया जाएगा।

विभाग इस बार पुराने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करेगा। हालांकि, 2026-27 में लाइसेंस रिन्यूवल का विकल्प दिया जाएगा।
4000 करोड़ रुपये अधिक लक्ष्य

योगी आदित्यनाथ सरकार ने शराब नीति को लेकर बड़ा स्तर पर आबकारी नीति में बदलाव किए हैं। इसके तहत अब हर प्रकार की शराब एक ही जगह मिल सकेगी। नई नीति में इन दुकानों को ई-लॉटरी सिस्टम से लाइसेंस दिया जाएगा। पुराने लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं हो होगा। नई शराब नीति के जरिए सरकार ने 55 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। यह पिछले वर्ष से चार हजार करोड़ अधिक है।

नई आबकारी नीति के प्रमुख बिंदु:

  • पहली बार प्रदेश में कंपोजिट दुकानों का लाइसेंस जारी किया जाएगा, जहां विदेशी शराब, बीयर और वाइन की एक साथ बिक्री की जा सकेगी। हालांकि, इन दुकानों पर शराब पीने की अनुमति नहीं होगी।
  • यूपी सरकार ने इस नीति के तहत 55 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 4000 करोड़ रुपये अधिक है।
  • प्रीमियम रिटेल दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण 25 लाख रुपये वार्षिक फीस लेकर किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति, फर्म या कंपनी दो से अधिक लाइसेंस नहीं ले सकेगी।
  • मॉल्स के मल्टीप्लेक्स एरिया में प्रीमियम ब्रांड की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, हवाई अड्डों, मेट्रो और रेलवे स्टेशनों के मुख्य भवन में सक्षम स्तर से अनापत्ति मिलने पर इन दुकानों को अनुमति दी जाएगी। इनके लिए मुख्य द्वार भवन के अंदर होने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है।
  •  पहली बार विदेशी मदिरा की 60 एमएल और 90 एमएल की बोतलों की बिक्री की अनुमति दी गई है।
  •  निजी प्रयोग के लिए निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा खरीदने, परिवहन करने और रखने के लिए वैयक्तिक होम लाइसेंस की व्यवस्था सरल कर दी गई है। लाइसेंस के लिए सालाना फीस 11 हजार रुपये और सिक्योरिटी राशि 11 हजार रुपये होगी। यह लाइसेंस केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा, जो पिछले तीन वर्षों से लगातार आयकरदाता हैं। न्यूनतम दो वर्षों में 20 प्रतिशत श्रेणी में आयकर भुगतान किया हो। कृषि आय से 20 प्रतिशत आयकर के स्लैब में आने के बावजूद कर देयता न होने पर भी आवेदक अर्ह होगा।
  • नई नीति में देशी मदिरा को एसेप्टिक ब्रिक पैक में उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे शराब में मिलावट की संभावना समाप्त होगी। यह नई नीति राज्य सरकार के राजस्व को बढ़ाने और शराब व्यापार को अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से लागू की गई है।
Radio_Prabhat
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