न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज की दूसरी किस्त की घोषणा की। इसमें उन्होंने कुल 9 घोषणाएं कीं। इनमें से 3 घोषणाएं प्रवासी मजदूर, 2 छोटे किसानों और एक-एक घोषणा मुद्रा लोन, स्ट्रीट वेंडर्स, हाउसिंग और आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार से जुड़ी थी।
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वित्त मंत्री की घोषणाओं की मुख्य बातें…
- तीन करोड़ छोटे किसान पहले ही कम ब्याज दर पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले चुके हैं। 25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्डधारकों को 25,000 करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किये गये।
- मार्च और अप्रैल 2020 में 63 लाख लोगों के लिये 86,000 करोड़ रुपये मूल्य के ऋण मंजूर किये गये। :नाबार्ड ने अकेले मार्च में 29,500 करोड़ रुपये का पुनर्वित जारी किया।
- राज्यों को प्रवासी मजदूरों का ध्यान रखने के लिये 11,000 करोड़ रुपये दिये गये।
- शहरी बेघरों के लिये केन्द्रकार सरके खर्च पर प्रतिदिन खाने की व्यवस्था।
- मनरेगा के तहत 13 मई तक 14.62 करोड़ मानव कार्य दिवस सृजित किये गये।
- सरकार एक समान न्यूनतम मेहनताना अधिकार के पक्ष में, राष्ट्रीय स्तर पर एक न्यूनतम वेतन के जरिये विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त अंतर को दूर किया जायेगा।
- 12,000 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) ने कोरोना वायरस संकट के दौरान 3 करोड़ मास्क और 1.2 लाख लीटर सैनिटाइजर बनाये, इन्हें पैसा पोर्टल के जरिये कोष उपलब्ध कराया जा रहा है।
- पिछले दो महीनों में शहरी गरीबों के लिये 7,200 नये स्वयं सहायता समूह बनाये गये। सरकार अगले दो महीने तक प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज देगी, बिना- राशन कार्ड वाले आठ करोड़ लोगों को भी प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज दिया जायेगा।
- प्रति व्यक्ति पांच किलो गेहूं या चावल, प्रति परिवार एक किलो चना मिलेगा। इसके लिये 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- सरकार प्रवासी मजदूरों के लिये किफायती किराया आवास योजना शुरू करेगी।
- लॉकडाउन से प्रभावित 50 लाख फेरी वालों की मदद के लिये 5,000 करोड़ रुपये दिये जायेंगे।
- पचास हजार रुपये तक के मुद्रा-शिशु ऋण पर दो प्रतिशत ब्याज राहत के लिये 1,500 करोड़ रुपये की ब्याज सहायता योजना की घोषणा।
- छह लाख से 18 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले मध्यम आय श्रेणी परिवारों के वास्ते किफायती आवास योजना का लाभ मार्च 2021 तक बढ़ाया गया।
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