जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. भारतीय लोकतंत्र में जिस वक्त जातीय गोलबंदी और संगठित ताकत महत्वपूर्ण हो गयी है, उस वक्त कायस्थ राजनीतिक रूप से सबसे कमजोर दिखाई दे रहा है. उत्तर प्रदेश में कायस्थों की संख्या करीब डेढ़ करोड़ है और कई जगहों पर अच्छे घनत्व के कारण उत्तर प्रदेश की करीब 55 विधान सभा सीटों पर हार जीत का फैसला कायस्थ मतदाता ही करता है, लेकिन दुर्भाग्य देखिये कि वर्तमान विधान सभा में मात्र तीन विधायक ही कायस्थ समाज से हैं. जबकि पहली विधान सभा में यह संख्या 53 थी. यह बातें कायस्थ महासम्मेलन के आयोजक संजय श्रीवास्तव ने कहीं.
जिला कोऑपरेटिव बैंक गोरखपुर के पूर्व चेयरमैन और कायस्थ महासम्मेलन 2021 के संयोजक दिवेश चंद्र श्रीवास्तव ने कायस्थ समाज से अपील करते हुए कहा कि आप सबको अपने हर वोट की कीमत को समझना होगा क्योंकि राजनीतिक दलों ने कायस्थ समाज पर ध्यान देना छोड़ दिया है. इसकी वजह हमारा राजनीतिक रूप से मुखर न होना है. हमसे काम संख्या वाले समाजों ने अपनी राजनैतिक ताकत बना ली है मगर हम कायस्थ वंश के लोगों ने खुद की ताकत अभी तक नहीं दिखाई. इसी वजह से राजनीतिक पार्टियां टिकट देते समय हमारी चिंता नहीं कर रही हैं और इतने बैद्धिक समाज का यूपी से कोई प्रतिनिधि राज्यसभा नहीं भेजा गया. विधान परिषद में भी मात्र एक ही कायस्थ है.
दिवेश ने कहा कि इस बार के चुनावों में कायस्थ समाज रणनीतिक तौर पर वोट करेगा जिससे कायस्थ समाज की राजनीतिक ताकत का पता उन दलों को चल जाएगा जो हमें उपेक्षित कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि आदिकाल से भारतीय समाज में कायस्थ वंशजों ने अपनी प्रतिभा और कर्मठता के माध्यम से समाज में न सिर्फ अपनी पहचान बनाई है बल्कि एक भारत का मान बढ़ने में भी हमारी भूमिका सदैव अग्रणी रही है. हमारा समाज स्वतंत्रता आन्दोलन से ले कर अब तक समाज के हर क्षेत्र शिक्षण, न्याय, संवैधानिक पद, प्रशासनिक सेवा आदि में हमेशा से अग्रणी रहा किन्तु पिछले कुछ वर्षों में कायस्थ समाज हाशिये पर जाता दिखाई दे रहा है. पर्याप्त संख्याबल होने के बावजूद हमारा समाज इस वक्त तकरीबन हर क्षेत्र में पिछड़ रहा है, जिसकी एक सबसे बड़ी वजह लोकतंत्र में एक मजबूत और संगठित शक्ति के तौर पर अपनी पहचान नहीं बना पाना है.
लोकतान्त्रिक व्यवस्था में यदि हम सभी खुद को मजबूत नहीं करते तो व्यवस्था के हर वर्ग में हमारी भागीदारी पर इसका सीधा असर पड़ता है.
संजय श्रीवास्तव ने बताया कि कायस्थ समाज को संगठित करने और उसे एक नयी ऊर्जा देने के लिए आगामी 18 दिसंबर 2021 को लखनऊ अयोध्या हाईवे पर सफेदाबाद (बाराबंकी) स्थित समृद्धि लॉन में पूर्वाह्न 11 बजे से कायस्थ महा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जहाँ बड़ी संख्या में कायस्थ समाज के लोग मिल बैठकर समाज के भविष्य की दिशा पर चिंतन मनन कर सकें.
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