Monday - 28 October 2024 - 11:38 AM

जानिए कारोबारियों की मन की बात

न्यूज़ डेस्क

लखनऊ। प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज से अर्थव्यवस्था को मंदी से उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक पैकेज की भी घोषणा की। आज इस पैकेज के बारे में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्‍तार से जानकारी दी तो शेयर बाजार में उछाल आ गया, जिससे एक बात तो साफ है कि इंडस्ट्री एक बार फिर पटरी पर आती नजर आने वाली है।

आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज पर जुबिली पोस्ट ने कारोबार जगत से जाना कि आखिर उन्हें क्या लगता है कि आने वाला भविष्य कैसा होगा और कारोबार कैसे और कब पटरी पर लौटेगा।

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लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि छोटे कारोबारियों को कोई राहत न मिलने से वो काफी दुखी है। हालांकि हमने कई कारोबारियों से जानना जरूर चाहा लेकिन दबी जुबान में वो अपना दर्द न बता सकें।

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जानिए किसने क्या कहा

बैंकों द्वारा लिए गए किसी भी प्रकार के लोन पर व्यापारी वर्ग ब्याज माफी की उम्मीद कर रहा था, जीएसटी में राहत की उम्मीद कर रहा था और खुदरा व्यापार को ताकत मिले इसके लिए सीधे खुदरा व्यापारी के लिए सरकार द्वारा कुछ घोषणा की जाती ऐसी उम्मीद कर रहा था। अभी भी भारत सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और देश के 20 करोड़ खुदरा व्यापारी और उनके परिवार के लिए इस राहत पैकेज में पुनर्विचार करना चाहिए!

– संदीप बंसल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल

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देश का उद्योग एवं व्यापार जगत वित्तमंत्री से फौरी राहत की उम्मीद कर रहा था, वित्त मंत्री की घोषणाओं मे आर्थिक संकट से जूझ रहे उद्योग एवं व्यापार जगत को बैंकों के ब्याज माफी और विद्युत के फिक्स चार्जेस की माफी की उम्मीद थी। किंतु वित्त मंत्री ने इस दिशा में कोई घोषणा नहीं की। एमएसएमई सेक्टर को बिना संपत्ति बंधक किए यदि बैंकों ने वास्तव में ऋण दिए तो भविष्य में एमएसएमई सेक्टर को फायदा मिलेगा, उन्होंने कहा बैंकों से पूर्व के अनुभव अच्छे नहीं है मुद्रा ऋण में वास्तविक पात्र व्यापारियों को ऋण नहीं दिए गए हैं।

– संजय गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल

ऐसी राहत की जरुरत थी। कारोबार जगत को अच्छा अवसर मिला है, स्वदेशी खरीदने की बात उठी है, जो काफी सराहनीय कदम है लेकिन msme सेक्टर को बाजार उपलब्ध करवाने की जरुरत भी है। आम लोगों को स्व-रोजगार की तरफ बढ़ना चाहिए। अभी तक हर तरफ एक समान हालात थे तो अब लोगों जल्दी पैरों पर खड़ा होने का अवसर मिला है, इसका लाभ उठाना चाहिए।

– प्रशांत भाटिया, प्रभारी यूपी, लघु उद्योग भारती

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