न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। भारत में बैंकिंग क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता को देखते हुए बहुत जल्द 10 सरकारी बैंकों के मर्जर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 10 सरकारी बैंकों का विलय कर उन्हे 4 बड़े बैंकों में तब्दील कर दिया जाएगा।
इसका मुख्य उद्येश्य देश के बैंकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाना है ताकि उनको प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके और देश के वित्तीय ढांचे को मजबूत किया जा सके। आपको बता दें कि बैंक विलय का चलन आज का नहीं बल्कि सदियों पुराना है। लीजिए बैंक विलय के इतिहास से लेकर इससे होने वाले लाभ की पूरी जानकारी आज हम आपको बताएंगे।
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देश के 10 सरकारी बैंकों का विलय कर उन्हें 4 बड़े बैंकों में तब्दील करने के लिए सरकार की तरफ से इस सप्ताह नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है। सरकार ने अप्रैल तक पंजाब नेशनल बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स समेत 10 बैंकों का विलय किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसको लेकर ग्राउंडवर्क का काम किया जा चुका है।
सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद संबंधित बैंक के बोर्ड मेंबर की बैठक होगी और कस्टमर को इसके बारे में अंतिम जानकारी दी जाएगी। साथ ही मर्जर के लिए स्वाइप रेशियो पर भी विचार होगा। यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अशोक कुमार प्रधान ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस सप्ताह ही मर्जर की दिशा में बात आगे बढ़ेगी।
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30 अगस्त 2019 को हुई थी घोषणा
मोदी सरकार ने 30 अगस्त 2019 को 10 बैंकों के मर्जर की घोषणा की थी। मर्जर के तहत पंजाब नैशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय होगा और यह देश का दूसरा सबसे बड़ा कर्जदाता बन जाएगा।
विलय के बाद ग्राहकों के लिए क्या अलग होगा
यदि आपका खाता ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में या फिर आप यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट होल्डर हैं तो आप अपने आप ही पीएनबी के खाताधारक हो जाएंगे। OBC और UBI का विलय पीएनबी में होने के बाद यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा।
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यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ आंध्र बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय होना है। केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय होगा। इसके अलावा इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय हो जाएगा।
10 बैंकों के विलय से 4 नए बड़े बैंक अप्रैल तक अस्तित्व में आ जाएंगे। इन सभी बैंकों के नए नाम और लोगो जल्द ही जारी किए जा सकते हैं। पीएनबी में ओबीसी और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के विलय के बाद कर्मचारियों की कुल संख्या 1 लाख के पार हो जाएगी।
आपके पास यदि विलय होने वाले बैंकों का क्रेडिट या डेबिट कार्ड है तो आप उसका इस्तेमाल पहले की तरह ही जारी रख सकते हैं। यदि किसी तरह का बदलाव भविष्य में होता है तो आप मोबाइल नंबर या ईमेल को एक्टिव रखें ताकि बैंक की ओर से मिलने वाली सूचना आप तक पहुंच सके।
आपके बैंक का जिस नए संस्थान में विलय हुआ है, उसकी शाखा नजदीक में ही होने पर आपकी होम ब्रांच बंद की जा सकती है। ऐसे में जिस बैंक के साथ विलय हुआ है, उसकी नजदीकी शाखा पर जाकर आप अपने बैंक खाते की डिटेल हासिल कर सकते हैं।
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बैंकों के मर्जर को तैयार: ठाकुर
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जरूरत पड़ने और भी बैंकों का एकीकरण (मर्जर) किया जा सकता है। एकीकरण के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के बैंक तैयार करने से 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करने में आसानी होगी।
सरकार ने पिछले साल 10 बैंकों को मर्ज कर 4 बैंक बनाने का ऐलान किया था। ठाकुर का कहना है कि सरकार ने बैंकों का मर्जर और पूंजीकरण सफलतापूर्वक किया। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड भी सफल रहा। बैंकों के 4 लाख करोड़ रुपए के कर्ज की रिकवरी हुई है।
विलय का इतिहास
- भारतीय बैंक संघ के आंकड़ों के मुताबिक़ देश में 1985 से अब तक छोटे-बड़े 49 विलय हो चुके हैं।
- 1993-94 में पंजाब नेशनल बैंक और न्यू इंडिया बैंक का विलय हुआ।
- 2004 में ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स और ग्लोबल ट्रस्ट बैंक के बीच विलय हुआ।
- 2008 में स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र का विलय SBI में हुआ।
- 2010 में स्टेट बैंक ऑफ इदौर का विलय SBI में हुआ।
- 2017 को भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकों (State Bank of Patiala, State Bank of Travancore, State Bank of Bikaner and Jaipur, State Bank of Hyderabad, State Bank of Mysore, Mahila Bank) का विलय SBI में हुआ।
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अब किसका होगा विलय
अब पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक मिल जाएंगे और यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा।
कैनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक मिला दिए जाएंगे। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ आंध्र बैंक एवं कॉर्पोरेशन बैंक का विलय होगा। इंडियन बैंक इलाहबाद बैंक में मिल जाएगा।
बैंकों के विलय से बैंकों एवं समाज को भी क्षति पहुंचना तय है। इसका सीधा असर देश की मध्यम वर्ग की जनता पर पड़ेगा। जो विलय पिछले दिनों हुए वो अब तक असफल है ऐसे में और विलय कैसे सफल होंगे। सरकार का ये कदम जल्दबाजी का फैसला है। इससे न केवल बैंक कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना पड़ेगा बल्कि खाताधारको को भी परेशान होना पड़ेगा।
सौरभ श्रीवास्तव, ऑल इंडिया बैंकर्स ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन
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