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देश में दिवाली को लेकर तैयारी शुरू हो गयी है। रविवार को बड़ी धूम धाम से दिवाली मनाई जाएगी। दिवाली के ठीक एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है। छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस दिन घरों में यमराज की पूजा की जाती है। इसके लिए शाम के समय घर में दीपक लेकर घूमने के बाद उसे कहीं बाहर रखा जाता है। इस दीपक को यम का दीपक कहा जाता है।
छोटी दिवाली के दिन घर में 12 दीपक जलाए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि यमराज के लिए तेल का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु को भी टाला जा सकता है। इसके अलावा इस दिन को सौन्दर्य प्राप्ति और आयु प्राप्ति का दिन भी माना जाता है। इस दिन आयु के देवता यमराज और सौन्दर्य के प्रतीक शुक्र की उपासना की जाती है।
क्या है मान्यता
इसके अलावा छोटी दिवाली के दिन श्रीकृष्ण की उपासना भी की जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि इस दिन उन्होंने नरकासुर को मारा गया था। इसके अलावा ये भी मान्यता है कि आज के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था। जीवन में आयु या स्वास्थ्य की अगर समस्या हो तो इस दिन के प्रयोगों से दूर हो जाती है।
छोटी दिवाली के दिन प्रातःकाल या सायंकाल चन्द्रमा की रौशनी में स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से न केवल अद्भुत सौन्दर्य और रूप की प्राप्ति होती है, बल्कि स्वास्थ्य की तमाम समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। इसके बाद दीपदान भी अवश्य करना चाहिए।
इस तरह से जलाएं दीपक
नरक चतुर्दशी पर मुख्य दीपक लम्बी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए जलाया जाता है। इसे यमदेवता के लिए दीपदान भी कहा जाता है। घर के मुख्य द्वार के बाएं ओर अनाज की ढ़ेरी बनाकर सरसों के तेल का एक मुखी दीपक जलाएं। दीपक का मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। इसके बाद पुष्प और जल चढ़ाकर लम्बी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करें।