जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: सपा संरक्षक पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अब इस दुनिया में नहीं रहे. 82 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कहने वाले सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को आज सैफई में राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने मुलायम सिंह यादव के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक निवास सैफई में दोपहर में होगा. फिलहाल, उनके पार्थिव शरीर को दर्शन के लिए मेला ग्राउंड में रखा गया है.
क्या होता है राजकीय सम्मान
राजकीय सम्मान में राजकीय अंत्येष्टि का आयोजन किया जाता है. जब कोई गणमान्य व्यक्ति इस दुनिया को छोड़कर जाता है तो उसे बंदूकों की सलामी दी जाती है. इतना ही नहीं, गणमान्य व्यक्ति के निधन पर राजकीय सम्मान के तहत सार्वजनिक छुट्टी की भी घोषणा की जाती है. इसके अलावा जिस ताबूत में गणमान्य व्यक्ति के शव को ले जाया जा रहा होता है, उसे तिरंगे में लपेटा जाता है. पहले यह घोषणा केवल केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति ही कर सकता था।
मुलायम सिंह यादव को कैसे दी जाएगी विदाई
नेता या गणमान्य व्यक्ति के लिए राजकीय शोक का ऐलान होता तो उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है. क्योंकि मुलायम सिंह यादव के लिए भी तीन दिनों के राजकीय शोक का ऐलान हुआ है, ऐसे में उनका भी अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा. राजकीय अंतिम संस्कार के दौरान मृतक के पार्थिव शरीर वाले ताबूत को तिरंगे में लपेटा जाता है.
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इतना ही नहीं, राजकीय सम्मान में ‘भारतीय ध्वज संहिता’ के अनुसार राष्ट्र ध्वज तिरंगा को आधा झुका दिया जाता है. लेकिन इससे पहले मातृभूमि के सम्मान में इसे मस्तूल के शीर्ष पर उठाया जाता है और फिर नीचे किया जाता है. अंतिम संस्कार के दौरान बंदूकों की सलामी भी दी जाती है.
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