जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. तालिबान अब अफगानिस्तान में अपनी सरकार के गठन की तैयारी कर रहा है. तालिबान को गठित करने वाला मुल्ला बरादर अफगानिस्तान की नई सरकार का मुखिया होगा. तालिबान ने अपने सबसे बड़े धार्मिक नेता मुल्ला हैबतुल्ला अखुन्दजादा को अफगानिस्तान की सर्वोच्च ज़िम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है.
तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के पुत्र मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बास को भी सरकार में अहम पदों से नवाज़ा जायेगा. मुल्ला बरादर ने 1994 में तालिबान का गठन किया था. 2001 में अमरीका के साथ मिलकर अफगानी फ़ौज ने जब तालिबान के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो अफगानिस्तान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व भी इसी मुल्ला बरादर ने किया था. जिन दिनों अफगानी और अमरीकी फौजें मिलकर इसे तलाश रही थीं तब यह सुरक्षित पाकिस्तान पहुँच गया था. साल 2010 में यह पाकिस्तान से गिरफ्तार भी हुआ था मगर 2018 में अमरीका ने इसे रिहा करवा दिया.
अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार का नेतृत्व करने वाला यह मुल्ला बरादर 1980 में सोवियत यूनियन के खिलाफ जंग लड़ चुका है. रूस छोड़ने के बाद इसने कंधार में मोहम्मद उमर के साथ मिलकर मदरसा शुरू किया था.
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मुल्ला उमर मुल्ला बरादर का बहनोई था. यही वजह है कि मुल्ला उमर के बेटों को अफगान सरकार में अहम ओहदे दिए जा रहे हैं. तालिबान ने जिस हैबतुल्ला अखुंदजादा को देश का सर्वोच्च नेता बनाने का फैसला किया है उसे तालिबान के लड़ाकों ने भी नहीं देखा है. तालिबान से यह सिर्फ वीडियो मैसेज के ज़रिये बात करता रहा है. यह कभी सामने नहीं आता है. न किसी ने उसके चेहरे को देखा है और न कोई उसके ठिकाने के बारे में ही कुछ जानता है.