जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। राजधानी में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही। ताजा मामला एसएसपी ऑफिस के सामने स्थित KK Hospital का है जहां पर सीआरपीएफ और आईटीबीपी का जवान अपने रिटायर्ड एयर फोर्स के पिता का इलाज कराने 8 अप्रैल को आया था।
इलाज के दौरान फौजी जवानों के पिता की मौत हो गई। फौजी जवानों का आरोप है कि डॉक्टर के स्थान पर नर्सिंग स्टाफ इलाज कर रहा था।जिससे उनके पिता की मृत्यु हो गई इतना कहने के बाद ही हॉस्पिटल प्रशासन और हॉस्पिटल के मालिक के.के. सिंह ने दोनों फौजी जवानों को हॉस्पिटल के अंदर बंद कर पीटा, जिससे फौजी जवानों को गंभीर चोटें भी आई।
वज़ीरगंज थाना क्षेत्र के डालीगंज में संचालित हो रहा के.के. हॉस्पिटल अक्सर विवादों के घेरे में रहता है कई बार तो अस्पताल सीज भी हो चुका है।
अस्पताल सीज होने के साथ ही अस्पताल के मालिक के के सिंह व उनकी पत्नी जो की डॉक्टर हैं जेल भी जा चुकी है लेकिन फिर भी पैसे और रसूख के दम पर मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ करना बंद नहीं हो रहा है KK Hospital में।
हरिकेश कुमार ने बताया 8 अप्रैल को मैंने अपने पिता को के.के. हॉस्पिटल में एडमिट करवाया था। जिनको 19 अप्रैल को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। 21 अप्रैल को पिता जी की तबियत बिगड़ने पर परिजनों ने फिर से हॉस्पिटल में एडमिट करवाया जहाँ सोमवार की रात तक मेरा मरीज़ बिलकुल ठीक था।
मंगलवार की सुबह 5 बजे वार्डबॉय ने बताया कि मरीज़ को सांस लेने में थोड़ी दिक़्क़त है इनके नली लगाना पड़ेगा और वेंटिलेटर पर रखना पड़ेगा।
परिजनों ने जब कहा कि आप के स्टाफ के लापरवाही के चलते मेरे मरीज़ की मौत हुई है तो मेरे भतीजे आदित्य और भाई हरमेश को बुला कर नीचे लेकर गए और गेट का चैनल बन्द कर के अपने दस बारह बाउंसरों से पिटवा दिया, जिसके बाद मौके पर पुलिस के अधिकारियों ने आ कर हस्तक्षेप कर छुड़ाया जिसके बाद जान बच सकी।
वही स्थानीय पुलिस ने बताया कि हॉस्पिटल में मरीज़ की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया है और पीड़ित परिवार वालो ने हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही से मौत होने की बात कहते हुए हॉस्पिटल के खिलाफ तहरीर दी है। मामला दर्ज कर तफ़्तीश की जा रही है जाँच में जो तथ्य निकल कर आएगा उसके आधार पर कारवाई की जाएगी।