जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. दिल्ली बार्डर पर पिछले एक साल से चल रहे किसान आन्दोलन की वजह से रेलवे को 22 करोड़ 58 लाख रुपये का नुक्सान हुआ है. केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव यह जानकारी लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी. रेल मंत्री ने बताया कि किसान आन्दोलन की वजह से बड़ी संख्या में यात्रियों ने अपने टिकट कैंसिल करवाए और रेलवे को किराए की शक्ल में काफी रुपया वापस लौटाना पड़ा.
रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे को अलग-अलग ज़ोन में अलग-अलग नुक्सान उठाना पड़ा. ईस्टर्न रेलवे को तीन करोड़ 34 लाख रुपये का नुक्सान उठाना पड़ा तो ईस्ट कोस्टल रेलवे को छह करोड़ 78 लाख 91 हज़ार 824 रुपये का नुक्सान उठाना पड़ा. साउथ ईस्टर्न रेलवे को दो करोड़ 61 लाख 20 हज़ार 609 रुपये, ईस्ट सेंट्रल रेलवे को 15 लाख 11 हज़ार 602 रुपये, नार्थ ईस्टर्न रेलवे को 14 लाख सात हज़ार 217 रुपये, नार्थ वेस्टर्न को एक करोड़ 10 लाख 44 हज़ार 256 रुपये, नार्थ सेन्ट्रल को नौ लाख 37 हज़ार 951 रुपये, साउथ रेलवे को 8263 रुपये और साउथ ईस्ट सेन्ट्रल को पांच लाख 79 हज़ार 185 रुपये का नुक्सान हुआ है.
रेलमंत्री ने बताया कि सबसे ज्यादा नुक्सान नार्दन रेलवे को हुआ क्योंकि नार्दन रेलवे के क्षेत्र में 1212 धरना प्रदर्शन हुए. किसानों के आन्दोलन का केन्द्र दिल्ली के अलावा पंजाब और हरियाणा में रहा इस नाते इस क्षेत्र में रेलवे को भी नुक्सान उठाना पड़ा.
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