जुबिली न्यूज़ डेस्क
किसान संगठनों और सरकार के बीच गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा। सरकार ने किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया है तो वहीं किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसान संगठन पूरे देश में आंदोलन के विस्तार देने में लग गए हैं। किसान संगठनों ने देश के राज्यों में महापंचायत करने का फैसला किया है।
फिलहाल किसान संगठनों का अगला लक्ष्य पश्चिम बंगाल है। पश्चिम बंगाल में आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव होना है। बंगाल में चुनावी घमासान मचा हुआ है और अब इसमें किसान नेताओं ने भी कूदने की तैयारी कर ली है।
किसान नेताओं ने ऐलान किया है कि वे बंगाल में भी सभाएं करेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने भी कहा है कि किसान संगठन के नेता पूरे देश का दौरा रेंगे और पश्चिम बंगाल भी जाएंगे।
कई किसान नेताओं ने संकेत दिया है कि वे जनता से ऐसे लोगों को वोट नहीं देने को कहेंगे जो किसानों की आजीविका छीन रहे हैं।
किसान नेताओं ने यह भी कहा कि अगर बंगाल चुनाव में भाजपा हारती है तो उसका आंदोलन सफल होगा।
मंगलवार को गढ़ी सांपला में किसान नेताओं ने किसान महापंचायत से इतर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कि कई अन्य प्रदेशों की तरह वे जल्दी ही पश्चिम बंगाल का भी दौरा करेंगे।
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इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हम लोग पूरे देश का दौरा करेंगे, हम पश्चिम बंगाल भी जाएंगे। बंगाल में भी किसान समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्हें अपनी फसलों के लिए अच्छी कीमतें नहीं मिल रही हैं।’
महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा, ‘हम लोग देश भर में पंचायतों का आयोजन करेंगे। हम गुजरात, महाराष्ट्र, अन्य स्थानों पर जाएंगे… हम पश्चिम बंगाल भी जाएंगे और वहां भी एक बड़ी सभा करेंगे। पश्चिम बंगाल के किसान राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र के साथ कुछ समस्याओं का सामना कर रहा है। हम वहां भी एक पंचायत आयोजित करेंगे।’
यह पूछे जाने पर कि क्या यात्रा पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनावों से जुड़ी होगी, के सवाल पर टिकैत ने कहा, ‘यह मामला नहीं है, हम किसानों के मुद्दों को लेकर वहां जाएंगे।’
वहीं महापंचायत को संबोधित करते हुए हरियाणा बीकेयू के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने लोगों से अपील की कि वे पंचायत से संसद तक के चुनाव में ऐसे किसी व्यक्ति को वोट नहीं दें जो प्रदर्शनकारी किसानों की मदद नहीं करते हैं और उनके आंदोलन को समर्थन नहीं देते।
बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चढूनी ने कहा, ‘जहां तक पश्चिम बंगाल का संबंध है, अगर बीजेपी के लोग हार जाते हैं, तभी हमारा आंदोलन सफल होगा। पश्चिम बंगाल में भी लोग कृषि पर निर्भर हैं। हम वहां जाएंगे और किसानों से आग्रह करेंगे कि वे उन्हें वोट नहीं दें जो हमारी आजीविका छीन रहे हैं।