जुबिली न्यूज़ डेस्क
जैसे जैसे दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में ठंड बढती जा रही है, वैसे वैसे किसानों का आन्दोलन भी तेज होता जा रहा है। सिन्धु बॉर्डर पर किसान 20 दिन से डेट हुए हैं। इस बीच केंद्र सरकार लगातार किसानों से संपर्क करने में लगी हुई है।
पांच दौर की बैठक ख़त्म हो चुकी है लेकिन किसान कृषि कानून के रद्द करने से कम पर राजी नहीं है। अपनी मांगों पर अड़े किसानों ने बीते दिन भूख हड़ताल भी की। इस बीच आज पीएम कच्छ में सिख किसानों से मिलेंगे।
वहीं सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के साथ वार्ता की अगली तारीख तय करने के लिए सरकार उनसे संपर्क में है। तोमर ने कहा, ‘बैठक निश्चित रूप से होगी। हम किसानों के साथ संपर्क में हैं।’ उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी समय बातचीत के लिए तैयार है। किसान नेताओं को तय करके बताना है कि वे अगली बैठक के लिए कब तैयार हैं।
किसानों के आन्दोलन के बीच सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आन्दोलन में शामिल होने की चर्चा भी हो रही है। इस पर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि अन्ना हजारे आंदोलन में शामिल होंगे। सरकार ने किसानों के खिलाफ कुछ नहीं किया है।
ये किसानों का अधिकार है कि वे अपने उपज को मंडी में बेचें, या व्यापारी को बेचें या फिर किसी और को। लोग किसानों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं ये गलत है। किसानों को इन कानूनों को समझना चाहिए।
किसानों के सुझावों को मानने को तैयार सरकार
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किसानों से कहा है कि उन्हें ये समझना चाहिए कि सरकार उनके साथ किसी तरह की नाइंसाफी नहीं होने देगी। नितिन गडकरी ने किसानों को प्रस्ताव दिया वे सरकार के साथ आएं और इन कानूनों पर बात करें।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए समर्पित है और यदि किसान कृषि कानूनों को लेकर कोई सुझाव देते हैं तो सरकार उसे मानने को तैयार है।
गडकरी ने कहा, ‘किसानों को इन कानूनों को समझना चाहिए। हमारी सरकार किसानों के लिए समर्पित है और उनके द्वारा दिए गए सुझावों को स्वीकार करने के लिए तैयार है। भाजपा सरकार में किसानों के साथ किसी भी तरह का कोई अन्याय नहीं होगा।’ किसान संघ को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ मिलकर कृषि कानूनों की चर्चा करनी चाहिए जो इसके लिए तैयार हैं।
इस बीच किसानों के प्रदर्शन के बीच बुधवार को साढ़े ग्यारह बजे केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग होनी है।ये मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। इस मीटिंग में किसानों के आंदोलन पर चर्चा की जा सकती है।
कच्छ में किसानों से मुलाकात करेंगे मोदी
उधर किसान आंदोलन के बीच आज पीएम नरेंद्र मोदी कच्छ में बसे सिख किसानों से मुलाकात करेंगे। पीएम आज कच्छ के दौरे पर हैं। कच्छ जिले की लखपत तालुका में और इसके आसपास के इलाके में करीब 5,000 सिख परिवार रहते हैं। नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान पिछले दो सप्ताह से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
पीएम की इस मुलाकात को देखते हुए ये कयास लगाये जा रहे हैं कि पीएम की किसानों से इस मुलाकात के जरिए सिख समुदाय और किसानों को संदेश देने की कोशिश की जा सकती हैं।आधिकारिक बयान मुताबिक, प्रधानमंत्री कुछ परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और कच्छ में धोरडो के किसानों और कलाकारों के साथ संवाद करेंगे।