जुबिली न्यूज़ डेस्क
आज किसान दिवस है और दुर्भाग्य ऐसा की किसान सड़क पर। जी हां कृषि कानून को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर डटे किसान आन्दोलन का आज 29 वां दिन है। इस कडकडाती ठंड में किसान आंदोलन कर रहे कई किसानों की मौत भी हुई है लेकिन किसानो के हौसलें बुलंद हैं। आन्दोलन कर रहे किसान कृषि कानून को रद्द करने से कम पर राजी नहीं है।
कृषि कानून को लेकर किसान नेता और सरकार के बीच बातचीत के कई दौर भी हो चुके हैं लेकिन सभी दौर बेनतीजा निकले। किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
इस बीच केंद्र सरकार की तरफ से भेजी गई एक और चिट्ठी पर किसान संगठन आज फैसला करेगा क्योंकि बीते दिन सहमति न मिलने की वजह से दोनों के बीच किसी भी प्रकार की मीटिंग नहीं हो सकी। ऐसे में एक बार फिर आज सुबह 11 बजे सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों की बैठक होगी।
वहीं, किसान दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसान दिवस पर मैं देश के किसानों को शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान की है। कुछ किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। उनको लेकर सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ उनसे बातचीत कर रही है। मुझे उम्मीद है कि वे जल्द ही अपने आन्दोलन को ख़त्म करेंगे।
आज किसान दिवस के अवसर मैं देश के सभी अन्नदाताओं का अभिनंदन करता हूँ। उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा का कवच प्रदान किया है।
कृषि क़ानूनों को लेकर कुछ किसान आंदोलनरत हैं। सरकार उनसे पूरी संवेदनशीलता के साथ बात कर रही है। मैं आशा करता हूँ कि वे जल्द ही अपने आंदोलन को वापिस लेगें।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 23, 2020
इस बीच दिल्ली पुलिस ने कोरोना की वजह से पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए किसान घाट पर आने की अनुमति नहीं दी गई है। चौधरी के पोते जंयत को किसान घाट जाने से रोक दिया गया। राष्ट्रीय लोक दल ने पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती के अवसर पर किसान घाट जाने की अनुमति मांगी थी जिसे पुलिस ने देने से मना कर दिया।
राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने 16 दिसंबर को पत्र लिख कर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर श्रद्धासुमन अर्पित करने की अनुमति मांगी थी। यह अनुमति सुबह साढ़े 7 बजे से साढ़े 10 बजे के लिए मांगी गई थी।
उधर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बीते दिन किसानों से बातचीत के मुद्दे पर बताया कि ‘मुझे आशा है कि जल्दी ही उनका विचार विमर्श पूरा होगा और हम उनसे चर्चा करके समाधान निकालेंगे। किसान क़ानून का समर्थन कर रहे दो किसान संगठनों से कृषि मंत्री ने मुलाक़ात की।दोनों संगठनों ने कृषि मंत्री को ज्ञापन देकर कृषि क़ानून को वापस नहीं करने और जल्द लागू करने की मांग की।
अन्ना हजारे ने एक बार फिर लिखी केंद्र सरकार को चिट्ठी
अन्ना हजारे ने किसानों के आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार को एक बार फिर चिट्ठी लिखी है। उन्होंने लिखा, कृषि मंत्री ने लिखित में जो आश्वासन दिया था उसे पालन नहीं किया। इसलिए अब आखरी अनशन फिर से शुरू करूंगा, कहां करना है, जगह मिलने पर दिल्ली में मुंबई में या मेरे गांव में यह मैं बताऊंगा।
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इस पत्र को लिखने के बाद दिल्ली में हलचल मच गई है। इसलिए कल कुछ नेताओं को मिलने के लिए भेजा था। मैंने भी उनको अपनी बात बताई, वह मेरी बात लेकर गए हैं। उन्होंने कहा है थोड़ा सा समय दीजिए आपको आंदोलन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अन्ना ने कहा कि अगर आपने बात नहीं मानी तो आखरी अनशन होगा।
किसान फूंकेगे सीएम योगी का पूतला
उधर यूपी के पीलीभीत और मुरादाबाद में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान संगठन नाराज हैं। नाराजगी को जाहिर करने के लिए आज दोपहर 11 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूतला फूंकेंगे। इसको लेकर किसान संगठनों की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है।