जुबिली न्यूज डेस्क
कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने के लिए दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे किसानों का आंदोलन आज 24वें दिन में प्रवेश कर चुका है। कड़ाके की ठंड और अपनों की जान भी किसानों का इरादा नहीं डिगा सकी है।
किसानों का कहना है कि चाहे कितनी ही ठंड क्यों न पड़े हम यहां से तब तक वापस नहीं जाएंगे जब तक सरकार तीनों काले कानून वापस नहीं लेती। वहीं आंदोलन के चलते आज भी दिल्ली के कई बॉर्डर बंद हैं और कई रास्ते डायवर्ट किए गए हैं।
Traffic Alert
Singhu,Auchandi,Piau Maniyari, & Mangesh borders are closed. Please take alternate routes via Lampur,Safiabad Saboli & Singhu school toll tax borders.
Traffic has been diverted from Mukarba & GTK road.
Pl avoid Outer Ring Rd,GTK road & NH 44— Delhi Traffic Police (@dtptraffic) December 19, 2020
किसान आंदोलन के चलते आज भी सिंघु, औचंदी, पियाऊ मनियारी और मंगेश बॉर्डर पूरी तरह से बंद रहेंगे। लामपुर, साफियाबाद सबोली और सिंघु स्कूल टोल टैक्स बॉर्डर के वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं। मुकरबा और जीटी करनाल रोड से ट्रैफिक डायवर्ट है तो रिंग रोड, जीटी करनाल रोड और एनएच 44 की तरफ न जाने की सलाह दी गई है।
इस बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने किसानों से अगली ‘किसान क्रांति’ का हिस्सा बनने को कहा है। टिकैत ने चेतावनी दी है कि तीन नए कृषि बिलों पर जारी आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार कोई समाधान नहीं खोज पाती है तो किसान इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अपना रास्ता खुद बनाने के लिए मजबूर होंगे।
बता दें कि टिकैत यूपी गेट पर किसानों को संबोधित कर रहे थे, जहां पिछले 23 दिनों से किसान जमे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार के साथ 6 दौर की वार्ताओं से कोई समाधान नहीं निकला। अब या तो सरकार इस समस्य का कोई हल खोजे या फिर हमें ‘हल क्रांति’ करने पर मजबूर होना पड़ेगा। यह क्रांति दिल्ली के दिल तक होकर जाएगी।’
सरकार को बात करनी चाहिए, हम सरकार से बात करने के लिए कहां मना कर रहे हैं। फूड सप्लाई चेन को किसानों ने बंद नहीं किया है और न हमारी बंद करने की योजना है: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता #FarmersProtests pic.twitter.com/eKQtcFMOS1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2020
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किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत ने देशभर के किसान यूनियनों से एकता दिखाते हुए दिल्ली के 4 बॉर्डरों (सिंघु, टिकरी, यूपी गेट और चिल्ला) पर जारी आंदोलन का हिस्सा बनने को कहा।
टिकैत ने कहा, ‘हर किसान को अब अपने घर से निकलना चाहिए और अपने खेती के औजारों के साथ वे हमारे आंदोलन का हिस्सा बनें। मैं छोटे-बड़े सभी किसान यूनियनों से कह रहा हूं कि वे दिल्ली की सीमाओं पर अपने झंडे, बैनरों के साथ पहुंचे। हम उनका स्वागत करेंगे।’
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टिकैत ने किसानों के आंदोलन को शांतिपूर्ण बताने और सरकार से सवाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को शुक्रिया कहा। टिकैत बोले,’मुझे पता लगा है कि सरकार के प्रतिनिधित्व कृषि कानूनों को लेकर 700 से अधिक बैठके करेंगे। इसी तरह की एक मीटिंग मेरठ में हुई। सरकार इस तरह की बैठके शहरों में क्यों कर रही है? वह किसानों से उनके गांव में क्यों नहीं मिलती? किसान दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार वहां क्यों नहीं आती?’
दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) चीफ मायावती ने कहा है कि केंद्र सरकार को प्रदर्शनकारी किसानों के साथ सहानुभूति भरा रवैया अपनाकर उनकी मांगों को मान लेना चाहिए।
केन्द्र की सरकार को, हाल ही में देश में लागू तीन नए कृषि कानूनों को लेकर आन्दोलित किसानों के साथ हठधर्मी वाला नहीं बल्कि उनके साथ सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाकर उनकी माँगों को स्वीकार करके, उक्त तीनों कानूनों को तत्काल वापस ले लेना चाहिए, बीएसपी की यह माँग।
— Mayawati (@Mayawati) December 19, 2020
मायावती ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, ”केंद्र की सरकार को, हाल ही में देश में लागू तीन नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलित किसानों के साथ हठधर्मी वाला नहीं बल्कि उनके साथ सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाकर उनकी मांगों को स्वीकार करके, उक्त तीनों कानूनों को तत्काल वापस ले लेना चाहिए, बीएसपी की यह मांग।”
बता दें कि कई किसान संगठन केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के बीच अब तक की बातचीत नाकाम रही है।