लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपनी मेजबानी में हो रहे इन खेलों को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री योगी गोरखपुर से विधानसभा सदस्य हैं।
इनके ही विधानसभा क्षेत्र का एक होनहार भी इन खेलों में पहली बार हिस्सा ले रहा है। गोरखपुर निवासी आदित्य सिंह भारत की जूनियर हॉकी टीम के कप्तान रह चुके हैं और अभी बनारस के काशी विद्यापीठ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आदित्य का मानना है कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स युवा खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन प्लेटफार्म है क्योंकि यह उन्हें शानदार एक्सपोजर देता है।
मिडफील्ड से खेलने वाले आदित्य बैंगलोर के साई सेंटर में जारी भारतीय जूनियर हॉकी कैंप का हिस्सा हैं। पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा ले रहे आदित्य ने कहा,- बहुत अच्छा लग रहा है। पहली बार खेला हूं। फैसिलिटी भी अच्छी है। टीमें अच्छी आई हैं और कम्पटीशन भी अच्छा है।
नए लड़कों के लिए काफी अच्छा प्लेटफार्म है। नए लड़के इस खेल को अपनाने और इसमें बने रहने के लिए मोटिवेट होते हैं। उनको अनुभवी खिलाड़ियों के साथ खेलने का एक्सपीरिएंस भी मिलता है। खिलाड़ियों में 19-20 का फर्क होता है और इस तरह के आयोजन में खेलने से खिलाड़ियों को अपनी थाह लगाने का मौका मिलता है।
आदित्य को 2019 में नैरोबी में आय़ोजित इंटरनेशनल हाकी टूर्नामेंट के लिए भारतीय जूनियर हाकी टीम का कप्तान बनाया गया था। आदित्य सामान्य किसान परिवार से हैं। बकौल आदित्य, -मैं एक सामान्य किसान परिवार से हूं। पिता चिंतामणि सिंह किसानी करते हैं जबकि मां मीना देवी गृहणी हैं।
मेरे पिता ने अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। गोरखपुर में मैंने लक्ष्य खेल अकादमी में कोच शादाब खान से प्रशिक्षण लिया। 2014 में मेरा चयन लखनऊ के गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कालेज में हो गया। दो साल बाद 2016 में मेरा चयन नेशनल हॉकी अकादमी-नई दिल्ली में हो गया। यहां मेरे खेल में और निखार आया और फिर मैं राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलने लगा।
आदित्य इससे पहले दिल्ली में आय़ोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स के पहले संस्करण में रघुराई इंटर कालेज (गोरखपुर) के लिए खेल चुके हैं।
आदित्य ने भाई भाष्कर सिंह की राह पर चलते हुए हाकी चुना। आदित्यने कहा, – मैं यूपी के लिए सब जूनियर, जूनियर औऱ सीनियर टीमों के लिए नेशनल खेल चुका हूं।
अभी नेशनल जूनियर कैंप में हूं। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ अच्छी यूनिवर्सिटी है। इसकी अच्छी टीम अच्छी है। सीनियर बोलते थे कि अच्छी हॉकी खेलनी है तो काशी विद्यापीठ जाओ। इसलिए इस बार इसी यूनिवर्सिटी के लिए खेल रहा हूं।-