Friday - 25 October 2024 - 4:31 PM

ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म पर होगी खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादों की खरीददारी

जुबिली पोस्ट ब्यूरो

नई दिल्‍ली। ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती प्रदान करने के लिए महात्‍मा गांधी ने जिस खादी और ग्रामोद्योग की शुरुआत की थी। उस खादी के उत्‍पादों की बिक्री के लिए मोदी सरकार अमेजन और अलीबाबा जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह एक बड़ी वेबसाइट शुरू करने की योजना बना रही है।

ये भी पढ़े: दस लाख की लूट करने वाले दो बदमाश मुठभेड़ में ढेर

सरकार की मंशा इस वेबसाइट के जरिये खादी और ग्रामोद्योग के उत्‍पादित प्रोडक्‍ट्स वैश्‍विक स्‍तर पर ऑनलाइन बेचने की है। खादी के कपड़ों की दीवानी आज की युवा पीढ़ी भी है। लोगों की पसंद को ध्‍यान में रखते हुए खादी ग्रामोद्योग ने अपने प्रोडक्‍ट्स और कलेक्‍शन में समय के साथ कई बदलाव किए हैं।

केंद्रीय सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार एमएसएमई खादी ग्रामोद्योग के लिए अमेजॉन तथा अलीबाबा की तर्ज पर एक बड़ी वेबसाइट शुरू करने जा रही है, जिसमें इस क्षेत्र के लोग अपने उत्‍पाद बेच सकेंगे।

उन्‍होंने कहा कि इसका फायदा इससे जुड़े लोगों को होगा, क्‍योंकि उनके उत्‍पाद को दूसरे देशों के खरीददार भी खरीद सकेंगे। गडकरी ने कहा कि अभी एमएसएमई का देश के जीडीपी में योगदान 29 फीसदी है, जिसे बढ़ाकर 50 फीसदी करने का लक्ष्‍य है। इसके साथ ही इस क्षेत्र में अगले पांच साल में रोजगार की संख्‍या 11 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है।

ये भी पढ़े: भारत- अमेरिका व्यापार युद्ध से कैलफ़ोर्नियाई किसान हतोत्साहित

गांधीजी ने खादी और ग्रामोद्योग की शुरुआत भारतीय स्‍वाधीनता संग्राम के दौरान की थी। उन्होंने 1925 में अखिल भारतीय बुनकर संघ और 1934 में अखिल भारतीय ग्रामोद्योग संघ की स्थापना की थी। आजादी के बाद खादी और ग्रामोद्योग के माध्‍यम से भारत की ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत और विकसित करने के लिए देश की पहली पंचवर्षीय योजना में इसके लिए प्रावधान किए गए।

1953 में वाणिज्य मंत्रालय के अधीन अखिल भारतीय खादी और ग्रामोद्योग मंडल की स्‍थापना की गई। देश की अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत और गतिशील बनाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग को संसद के एक अधिनियम (साल 1956 के 61वें तथा साल 1987 के अधिनियम क्रमांक 12 तथा 2006 के अधिनियम क्रमांक 10 ) के जरिये एक विधिवत संगठन घोषित किया गया। फिलहाल यह संगठन सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रलाय के अधीन कार्यरत है।

खादी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कई बार लोगों से खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन और खादी फॉर ट्रांस्‍फॉरमेशन का आह्वान करते हुए खादी वस्‍त्र एवं उत्‍पादों का प्रयोग करने की अपील की थी।

परिणामस्‍वरुप पिछले 5 साल में खादी की बिक्री में 125 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। खादी ने अपने उत्‍पादों में समय के साथ कई बदलाव किए हैं, जिसमें डेनिम जींस, स्‍कर्ट, जैकेट और बच्‍चों और महिलाओं के लिए डिजाइनर प्रोडक्‍ट्स भी शामिल है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com