Sunday - 27 October 2024 - 9:17 PM

UP में फिर क्यों गर्म हुई सियासी फिजा?

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ। हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव ने बीजेपी को गहरा जख्म दिया है। भले ही उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार फिर से बना ली हो लेकिन उसका 400 प्लस का नारा पूरी तरह से फेल हो गया है और सिर्फ 240 सीट ही उसके खाते में गई।

इस वजह से अपने बल पर सरकार बनाना उसके बस में नहीं था। ये तो अच्छा रहा कि चुनाव से पहले नीतीश कुमार और नायडू एक साथ एनडीए में फिर से शामिल हो गए।

इसका नतीजा ये रहा कि एनडीए की सरकार फिर से बन गई लेकिन कुछ राज्यों में खासकर यूपी में उसका प्रदर्शन बेहद खराब रहा। अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने मिलकर बीजेपी को यहां पर काफी नीचे पहुंचा दिया है। योगी की रणनीति पूरी तरह से फेल हो गई।

जिस पार्टी ने यहां पर पिछले दो लोकसभा चुनाव में अपना दबदबा कायम करने वाली पार्टी ने सिर्फ इस बार 33 सीट ही जीत पाई। इस वजह से योगी पर अच्छा खासा दबाव देखने को मिल रहा है।

इतना ही नहीं यूपी बीजेपी के अंदर अब बड़ा टकराव देखने को मिल रहा है। आलम तो ये ही है बीजेपी पार्टी के अंदर भी एक विपक्ष स्थापित होता हुआ नजर आ रहा है। 14 जुलाई की बैठक में ऐसा ही नजारा देखने को मिला जब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अलग सुर अपनाते हुए ये कह दिया कि सरकार से बड़ा संगठन है। ये सीधे तौर योगी पर सवाल उठाता हुआ दिख रहा था।

अब सोमवार को एक बार फिर उन्होंने इसी तरह का बयान दिया है। बीजेपी ओबीसी मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान देते हुए कहा कि बीजेपी ही हम सभी का वर्तमान है और बीजेपी ही भविष्य है। सरकार के बल पर चुनाव नहीं जीता जाता है, पार्टी ही लड़ती और पार्टी ही जीतती है। 2014 और 2017 में बिना सरकार के हम जीते। लोकसभा चुनावों में यूपी की हार की पीड़ा हम सभी को है, सपा के गुब्बारे की हवा जल्द ही निकाल लेंगे।

बता दें कि दोनों नेताओं के बीच खींचातान देखने को मिल रही है। केशव प्रसाद मौर्य अब सीधे तौर पर योगी को निशाने पर ले रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ अभी तक इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है।

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