न्यूज़ डेस्क
कई राज्यों में हो रही मूसलाधार बारिश का कहर जारी है। महाराष्ट्र के साथ साथ केरल और कर्नाटक में भी भरी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। इस बारिश से केरल और कर्नाटक में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये है। अब तक इस बारिश से करीब 14 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कई लोग फंसे हुए है। इन इलाकों में फंसे लोगों को निकालने और उन तक राहत पहुँचाने के लिए सेना ने बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। अब तक राज्य में बाढ़ प्रभावित इलाकों से 16,875 लोगों और 3010 जानवरों को 272 राहत कैंपों तक पहुंचाया जा चुका है।
इसके अलावा बाढ़ से प्रभावित कर्नाटक के बीजापुर और गडग के बीच सभी स्टेशनों पर सभी ट्रेनों को रोक दिया गया है। ऐसा वहां फंसे यात्रियों को निकालने के लिए किया गया है। साथ ही सभी स्टेशनों को निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र की ओर से कृष्णा और भीमा नदियों में बांध के जरिये अधिक पानी छोड़े जाने की आशंका है। इससे बीजापुर और बागलकोट अधिक प्रभावित होंगे। कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम के अनुसार मैसुरु से मदिकेरी और मैसुरु से एचडी कोटे रोड की सड़क को भारी बारिश के कारण बंद कर दिया गया है।
Kerala State Disaster Management Authority (KDSMA): 22,165 people have been evacuated to safety and lodged in 315 camps across the state. #KeralaRains pic.twitter.com/x8ZLii00OM
— ANI (@ANI) August 9, 2019
वहीं मौसम विभाग ने केरल के इडुक्की, मलप्पुरम, कोझिकोड के में बारिश का रेड अलर्ट, जबकि त्रिशूर, पलक्कड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। केरल के तट से सटे इलाकों में पश्चिम दिशा की ओर से 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान लगाया है। इस कारण मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।
नौसेना की 12 टीमों कोल्हापुर और सांगली में
वहीँ भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र में भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये है। सबसे ज्यदा प्रभावित इलाकों कोल्हापुर और सांगली में लोगों का सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है. मौसम के खराब होने के कारण लोगों को एयरलिफ्ट करने का काम रोक दिया गया था। ऐसे में लोगों को बचाने के लिए रात में ही नौसेना की 12 टीमों को सांगली और कोल्हापुर रवाना किया गया है। सांगली तक रास्ते में पुलिस की ओर से ग्रीन कॉरीडोर भी बनाया गया।
महाराष्ट्र के जो इलाके बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए है उनमे सतारा, सांगली, कोल्हापुर, पुणे, सोलापुर शामिल है जो की बुरी तरह से बाढ़ से डूबे हुए है। बाढ़ का प्रकोप इतना है कि इन जिलों का संपर्क आसपास के सभी शहरों से लगभग टूट चुका है। ऐसे में बाढ़ के चलते ना सिर्फ इन जिलों में बल्कि आसपास के मुख्य शहर पर भी बाढ़ का असर देखने मिल रहा है। रोजाना मुंबई में इन जिलों से 13 लाख लीटर से अधिक दूध की सप्लाई होती है। लेकिन बाढ़ की वजह से इसकी सप्लाई में लगभग 50 फीसदी तक कमी आई है यानि मात्र 6-7लाख लीटर।
रोजमरा जरूरत की कमी से परेशान लोग
कई बड़ी डेरी जैसे गोकुल, महानंदा, मदर डेरी में दूध सप्लाई में भारी कमी देखी गई है, कई बड़े-बड़े दूध वाहन डेरी के बाहर लम्बी कतारों में कई दिनों से बिना दूध के खड़े हैं। दूध की कमी के चलते ना सिर्फ डिस्ट्रीब्यूटर्स बल्कि आम जनता भी रोजमरा जरूरत की कमी से परेशान है, मुंबई मे भी दूध की सप्लाई पहले की अपेक्षा बहुत कम हो गई है।