राजीव ओझा
करीब एक साल पहले की बात है, आस्ट्रेलिया में एक भारतीय महिला ने अपने प्रेमी की मदद से अपने पति की हत्या कर दी। इस जुर्म में उसे 22 और उसके उसके प्रेमी को 25 साल की कैद की सजा अदालत ने सुनाई। हत्या की वारदात में ऐसी सजा तो होती ही है, इसमें नया क्या है? नया है, जिस तरह से हत्या की गई उसके तरीके को सुन आप चौंक जायेंगे।
सैम सोफिया, अब्राहम और कमलासनन का त्रिकोण
उत्तरी मेलबोर्न में वारदात की उस रात सैम अब्राहम अपने घर में गहरी नींद में थे। शायद उन्हें नशीला पदार्थ भी दिया गया था। बगल में उनका बेटा भी सो रहा था। उसी कमरे में मजूद थी उनकी पत्नी सोफ़िया सैम जो कभी पति को बहुत प्यार करती थी। कमरे में सोफ़िया का प्रेमी अरुण कमलासनन भी था।
उसके हाथ में था संतरे के रस से भरा गिलास और थोडा सा चूर्ण। दोनों ने जूस में चूर्ण घोला और सो रहे अब्राहम का मुंह खोलकर पिला दिया। नींद में सैम अब्राहम उसे गटक गए। और सैम का काम तमाम। प्रथम दृष्टया तो मामला हार्ट अटैक का लग रहा था लेकिन ऑटोप्सी से पता चला की मौत सायनाइड जहर से हुई थी।
सैम और सोफिया अब्राहम के सुखी वैवाहिक जीवन में खलल तब पड़ा जब अरुण कमलासनन सोफिया के प्रेमी के रूप में अवतरित हुआ। कमलासनन ने अब्राहम की ह्त्या का तरीका खोजने में तीन साल लगा दिये थे। कमलासनन ने आस्ट्रेलिया की सुप्रीम कोर्ट में विस्तार से बताया कि उसने अब्राहम की हत्या कैसे की। कोर्ट ने सोफिया को 22 और अरुण कमलासनन को 25 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।
सेब के बीज में ऐसा क्या होता जो ले लेता है जान
तो क्या संतरे के रस में सायनाइड का चूर्ण मिलाकर अब्राहम को दिया गया? जी नहीं, वह चूर्ण सेब के बीज का था। सेब के बीज में एमिगडलिन (amygdalin) नामक एक यौगिक पाया जाता है।
बीज को तोड़ने, पीसने या खराब होने या पचने की क्रिया में यह हाइड्रोजन सायनाइड में तब्दील हो जाता है। यह बहुत ही विषैला और घातक होता है। इसी लिए शायद सेब की फसल पर कीटों का हमला नहीं होता। उन्हें प्राकृतिक रूप से पता होता कि सेब के अन्दर खतरा है।
तो क्या सेब खाना छोड़ देना चाहिए? नहीं, ये तो आपने सुना ही होगा कि रोजाना एक सेब खाएं और रोगों को दूर भगाएं। बस जरूरत है कि खाते समय सावधानी से सेब के बीज जरूर निकाल दें। वैसे कभी एक आध बीज गतालती से चला भी गया तो चिंता की बात नहीं। लेकिन ज्यादा बीज जाने पर समस्या हो सकती है।
सेब जरूर खाएं लेकिन सावधानी से
औसत सेब के बीज में लगभग 0.49 मिलीग्राम साइनोजेनिक यौगिक होते हैं। एक ग्राम सेब के बीजों के अंदर 0.06 से 0.24 मिलीग्राम तक सायनाइड होता है। अधिकांश एक सेब में लगभग 5 से 8 बीज होते हैं. हालांकि, प्रति सेब के बीज की संख्या अलग-अलग होती है. लगभग 140 से 200 सेब के बीज के चूरण को खाना घातक या जानलेवा होता है।सकता है मौत का कारण…
सेब के बीज में एमिगडलिन नाम का तत्व पाया जाता है और जब यह तत्व इंसान के पाचन संबंधी एन्जाइम के संपर्क में आता है तो सायनाइड रिलीज करने लगता है। प्राकृतिक तौर पर बीजों की कोटिंग काफी हार्ड होती है जिसे तोड़ पाना आसान नहीं है। एमिगडलिन में सायनाइड और चीनी होता है और जब इसे हमारा शरीर निगल लेता है तो वह हाईड्रोजन सायनाइड में तब्दील हो जाता है।
2017 में श्रीदेवी की एक फिल्म आई थी मॉम। उसमें एक सीन है जहां श्रीदेवी अपनी बेटी का रेप करने वाले अपराधियों से बदला ले रही है। उन अपराधियों में से एक को वो सेब के बीजों से मार डालती है। आपने बिल्कुल सही पढ़ा, सेब के बीजों से मार डालती है। सेब को दुनिया के सबसे सेहतमंद फलों में से एक माना जाता है, लेकिन यही पौष्टिक फल आपकी सेहत के लिए घातक भी साबित हो सकता है।
200 बीज का पाउडर ले सकता है जान
सेब के अलावा ऐप्रिकॉट यानी खुबानी, चेरी, आड़ू, आलूबुखारा जैसे फलों के बीज में भी सायनाइड की मात्रा होती है। 200 सेबों के बीज यानि एक कप बीज इंसान के शरीर में जहर पैदा करने के लिए काफी है। सेब के करीब 200 बीज का पाउडर तकरीबन 1 कप भर जितना होता है, वह इंसान के शरीर के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
किसी ने गलती से या जानबूझ कर 0.5 से 3.5 मिलीग्राम से अधिक मात्रा में बीज खा लिया, तो उसकी मौत भी हो सकती है। इसलिए जब भी इन फलों का सेवन करें, तो बीजों को सावधानी के साथ निकाल दें।सेब, हमारी सेहत के लिए कितना गुणकारी यह बताने की जरूरत नहीं। जी हां, सेब जरूर खाएं लेकिन सावधानी से।