न्यूज डेस्क
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन केरल विधानसभा तक पहुंच गया है। बुधवार को केरल विधानसभा बजट सत्र के दौरान CAA के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हुए। यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के विधायकों ने राज्यपाल का रास्ता ब्लॉक कर दिया। उन्होंने नागरिकता कानून के खिलाफ और ‘राज्यपाल वापस जाओ’ के नारे लगाए। ऐसे में सदन में अफरा-तफरी का माहौल हो गया।
हालात को नियंत्रण में रखने के लिए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सदन में मार्शल बुलाने पड़े। बाद में मार्शल ने रास्ता बनाकर राज्यपाल को सुरक्षित चेयर तक पहुंचाया। इसके बाद यूडीएफ विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया और विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए।
#WATCH Thiruvananthapuram: United Democratic Front (UDF) MLAs block Kerala Governor Arif Mohammad Khan as he arrives in the assembly for the budget session. CM Pinarayi Vijayan also accompanying the Governor. pic.twitter.com/oXLRgyN8Et
— ANI (@ANI) January 29, 2020
राज्यपाल ने मार्शल की मौजूदगी में ही बजट से पहले विधानसभा में पिनराई विजयन सरकार की नीतियों पर भाषण दिया। इस भाषण में उन्होंने CAA का भी जिक्र किया। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, ‘हालांकि मैं इसपर नहीं पढ़ना चाहता था, लेकिन सीएम की गुजारिश पर मैं ये CAA पर लिखा पैराग्राफ पढ़ रहा है, लेकिन मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता, क्योंकि खुद गृहमंत्री अमित शाह ने साफ किया है कि CAA से देश में रह रहे किसी भी नागरिक को कोई खतरा नहीं है।’
बता दें कि राज्यपाल ने मंगलवार को केरल विधानसभा में अपने अभिभाषण में CAA के खिलाफ प्रस्ताव के जिक्र वाला पैराग्राफ पढ़ने से इनकार कर दिया था। इस पैराग्राफ में CAA को अंसवैधानिक और भेदभावपूर्ण बताया गया है।
Thiruvananthapuram: United Democratic Front (UDF) MLAs stage a walk-out from the assembly as Kerala Governor Arif Mohammad Khan begins his address. https://t.co/ohQS12yVQr pic.twitter.com/sqE05PSQtS
— ANI (@ANI) January 29, 2020
बता दें कि हाल ही में पिनराई विजयन सरकार ने नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास किया है और इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है। इसपर राज्यपाल ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने पिनराई सरकार से पूछा था कि राज्यपाल दफ्तर को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई। उन्होंने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर हमला भी बोला था। उन्होंने कहा था कि सरकार के कामकाज को किसी शख्स या राजनीतिक दल की मर्जी के हिसाब से नहीं चलाया जाना चाहिए। हर किसी को नियम का पालन करना चाहिए।