जुबिली न्यूज डेस्क
दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना होगा. आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली सीएम केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत मिली हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें कोई विशेष छूट नहीं दी है। अदालत ने कहा कि इस फैसले की आलोचनात्मक समीक्षा का हम स्वागत करते हैं।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच कहा कि हमने अपने फैसले में कहा था कि हमें यह न्यायसंगत लगा था।
प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया था. उन्होंने एक महीने से ज्यादा वक्त ईडी की हिरासत में बिताया. इस दौरान केजरीवाल ने अदालत में गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका भी दायर की थी. दिल्ली सीएम का कहना था कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दी हुई है. उन्हें 2 जून को सरेंडर करना है.
सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की चुनावी स्पीच पर बहस
केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने दलील देते हुए कहा कि दिल्ली सीएम की याचिका सुनवाई योग्य ही नहीं है. सॉलिसीटर जनरल ने कोर्ट का दोबारा जेल जाने से जुड़े केजरीवाल के भाषण के बारे में बताया.
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उन्होंने कहा कि केजरीवाल का बयान है कि अगर उनकी पार्टी को वोट दिया तो 2 जून को उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम इसमें नहीं पड़ना चाहते. हमारा आदेश साफ है कि उन्हें सरेंडर करना होगा.दरअसल, इसी सुनवाई के लंबित रहने के आधार पर केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मिली है. हालांकि, आज अगर ये सुनवाई पूरी हो भी जाती है तो उसका असर अंतरिम राहत पर पड़ने की कोई उम्मीद नहीं है.