जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। जानी-मानी शिक्षिका, लेखिका, अनुवादक-संपादक, वक्ता और समाजसेवी कविता मिश्रा ने अपनी पहली पुस्तक ‘कविता तू क्या है? (My Musings)’ का लोकार्पण लखनऊ में एक आत्मीय और साहित्यिक वातावरण में किया।
यह पुस्तक उनके अब तक के लेखन का एक समृद्ध संकलन है, जिसमें हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में गद्य और कविता का भावपूर्ण मेल देखने को मिलता है। यह संग्रह उनके बहुआयामी व्यक्तित्व और जीवन अनुभवों की गूढ़ अभिव्यक्ति है।
इस पुस्तक का औपचारिक विमोचन कई विशिष्ट अतिथियों द्वारा किया गया, जिनमें शामिल रहे अनिल शुक्ला, कनाडा निवासी वरिष्ठ नागरिक जिनका बहुराष्ट्रीय कंपनियों में प्रबंधन व प्रशासन का लंबा अनुभव रहा है और जो लखनऊ कनेक्शन वर्ल्डवाइड समूह के वरिष्ठ एडमिन हैं, अमित हर्ष, उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता, चंद्रशेखर वर्मा, ख्यातिप्राप्त लेखक एवं काउंसलर, ज्योति सिन्हा, प्रख्यात लेखिका, समाजसेवी एवं हेल्पिंग हार्ट्स फाउंडेशन की संस्थापक, राज स्मृति, फोकटेल्स इनकॉरपोरेशन की संस्थापक; तथा लेखिका के परिवार से – उनकी बहन और सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की वरिष्ठ अंग्रेज़ी शिक्षिका आरती मिश्रा, और उनकी बेटी, आईटी कॉलेज की छात्रा एवं उभरती गीतकारा अनन्या मिश्रा, जो पहले ही संगीत और रचनात्मकता की दुनिया में अपनी पहचान बना रही हैं।
इसके अतिरिक्त, लेखिका की भाभी सुनीता शर्मा जो एक गृहिणी एवं उद्यमी और युक्ति शर्मा, लखनऊ पब्लिक कॉलेज की छात्रा भी इस विशेष अवसर पर उपस्थित रहीं।
इस अवसर पर प्रतिध्वनि पब्लिकेशन्स के प्रोप्राइटर विश्वनाथ मिश्रा भी मौजूद थे, जिन्होंने गर्व के साथ बताया यह पुस्तक कविता मिश्रा के साथ उनका तीसरा संयुक्त प्रयास है।
उन्होंने यह भी बताया कि इससे पूर्व कविता ने लखनऊ कनेक्शन वर्ल्डवाइड समूह के साथ दो पुस्तकों में संपादकीय योगदान दिया है, जिससे उनका साहित्यिक योगदान और भी सशक्त हुआ है।
विमोचन समारोह में लखनऊ की साहित्यिक व सांस्कृतिक जगत की कई प्रतिष्ठित हस्तियां भी उपस्थित रहीं, जिन्होंने कविता मिश्रा की इस साहित्यिक यात्रा की सराहना की और उनके लेखक रूप का गर्मजोशी से स्वागत किया। इनमें प्रमुख रूप से मुकेश रस्तोगी, रोहित टंडन, सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी और उनकी पत्नी अनुराधा टंडन (वरिष्ठ शिक्षिका), रत्ना सेठ (वरिष्ठ शिक्षिका), और शिल्पी पाहवा (जानी-मानी न्यूमेरोलॉजिस्ट, टैरो रीडर और एस्ट्रोलॉजर) शामिल रहीं।
‘कविता तू क्या है? (My Musings)’ का विमोचन न केवल कविता मिश्रा की साहित्यिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, बल्कि यह उन पाठकों से भी गहराई से जुड़ने का वादा करती है।