न्यूज डेस्क
राजस्थान के अलवर में एक कश्मीरी छात्र को महिलाओं के कपड़े पहनाकर बाजार में घुमाने और फिर उसे खंभे से बांधकर पीटने का मामला सामने आया है।
पीड़ित छात्र मीर फैज कश्मीर के बारामूला का रहने वाला है। वह नीमराना में स्कूल ऑफ एरोनॉटिक्स के इंजीनियरिंग फाइनल ईयर के छात्र हैं।
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार, छात्र ने कहा कि तीन अज्ञात लोगों ने सबसे पहले उसके ऊपर हमला किया। उसे धमकी दी, महिलाओं के कपड़े पहनाए और नीमराना के बाजार में चलने को मजबूर किया।
छात्र ने बताया कि जब वह बाजार में चल रहा था तो भीड़ ने उनके साथ मारपीट की और उन्हें बिजली के खंभे से बांध दिया।
इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तेजपाल सिंह ने कहा कि अभी कश्मीरी छात्र के दावों की पुष्टि नहीं हुई है कि उन्हें महिलाओं के कपड़े पहनने को मजबूर किया गया। इस मामले की जांच की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि भीड़ में से किसी की शिनाख्त नहीं हुई है। ना ही अभी तक किसी की गिरफ्तारी हुई है। हालांकि इस घटना का वीडियो मौजूद है। पुलिस ने 15 से 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
पुलिस का कहना है कि यह घटना नीमराना में बुधवार को रात लगभग आठ बजे हुई। छात्र नीमराना में ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है।
इस मामले की जांच कर रहे नीमराना पुलिस स्टेशन के अधिकारी लक्ष्मण सिंह ने कहा, ‘छात्र को बाजार में महिलाओं के कपड़ो में चलते देखा गया। कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें रोका और उनकी पिटाई की। उन्हें बिजली के खंभे से बांधा गया और बाद में पुलिस को इसकी जानकारी दी गई।’
इस घटना के बाद गुरुवार को नीमराना पहुंचे पीड़ित छात्र के बड़े भाई ने कहा कि उनके भाई को चोटें भी आई हैं। उन्होंने कहा कि उनके भाई पास के ही एटीएम में गया था, जब वह वापस आ रहा था तो तीन लड़कों ने उसे रोक लिया और महिलाओं के कपड़े पहनने को मजबूर किया।
पीड़ित के भाई ने कहा कि, मेरे भाई की जान इसलिए बच गई क्योंकि क्योंकि किसी ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी और पुलिस मौके पर पहुंच गई। पीडि़त के भाई ने कहा कि वह (पीडि़त) उन अज्ञात लोगों और हमलावरों को पहचान नहीं पाया है।
पीड़ित के भाई ने पुलिस और कॉलेज प्रशासन पर सहयोग न करने का आरोप लगाया। उसने कहा कि पुलिस स्टेशन में उनके भाई से इस तरह से पूछताछ की जा रही थी, जैसे वह खुद ही आरोपी हैं। वहीं कॉलेज प्रशासन ने भी किसी तरह का सहयोग नहीं दिया।
इस मामले में एडिशनल एसपी सिंह ने कहा, ‘प्रारंभिक जांच से छात्र के दावों की पुष्टि नहीं होती। हमें कोई भी सबूत नहीं मिले है, जिससे यह पता चल सके कि उन्हें महिलाओं के कपड़े पहनने को मजबूर किया गया। उन्हें याद नहीं है की कि भीड़ ने पीटने के लिए किस चीज का इस्तेमाल किया क्योंकि वह डरा हुआ था।’