जुबिली न्यूज डेस्क
जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं के टारगेट किलिंग के मामलों में आई तेजी से कश्मीरी पंडितों में घबराहट का माहौल है। डर और अकेलेपन के बीच वह सिर्फ यही कह रहे हैं कि अब घाटी छोडऩे का समय आ गया है।
कश्मीरी पंडितों का डर यूं ही नहीं है। घाटी में इस साल अब तक 16 टारगेट किलिंग्स के केस सामने आ चुके हैं। वहीं सिर्फ 72 घंटे में चार लोगों को निशाना बनाया गया जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है।
आतंकियों ने बीते गुरुवार को ही तीन लोगों को निशाना बनाया। पहले कुलगाम के मोहनपोरा में इलाकी देहाती बैंक में घुसकर बैंक मैनेजर विजय कुमार पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। दूसरा वारदात गुरुवार रात को आतंकियों ने अंजाम दिया।
गुरुवार रात को बडगाम जिले में आतंकवादियों ने दो मजदूरों को गोली मारी जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई। अधिकारियों के अनुसार, आतंकियों ने मध्य कश्मीर जिले के चडूरा इलाके में ईंट-भट्टे पर काम कर रहे दो गैर-स्थानीय मजदूरों पर गोलियां चलाई थीं।
यह घटना रात 9 बजकर 10 मिनट पर हुई। हमले में श्रमिक दिलकुश कुमार और गुरी जख्मी हुए, जिसमें गुरी को इलाज के बाद हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई लेकिन 17 साल के दिलकुश ने एसएमएचएस अस्पताल में दम तोड़ दिया।
अफसरों के मुताबिक दिलकुश कुमार बिहार का रहने वाले थे। फिलहाल पुलिस इलाके की घेराबंदी कर घटना में शामिल आतंकियों को पकडऩे का प्रयास कर रही है।
हिंदुओं के टारगेट किलिंग के मामलों में आई तेजी से कश्मीरी पंडितों के कैंप्स में घबराहट का माहौल है। इस डर के बीच उनका कहना है कि अब घाटी को छोडऩे का समय आ गया है।
यह भी पढ़ें : कश्मीर में 48 घंटे में दूसरी वारदात, आतंकियों ने की बैंक में घुसकर मैनेजर की हत्या
यह भी पढ़ें : भाजपा में शामिल हुए हार्दिक पटेल
यह भी पढ़ें : नव संकल्प बीच में ही छोड़ इस वजह से प्रियंका गांधी लौटी दिल्ली
1990 से भयावह हुए हालात
प्रधानमंत्री पैकेज के तहत काम करने वाले कश्मीरी पंडित हिंदुओं की टारगेट किलिंग मामलों को देखते हुए पलायन करने को मजबूर हो गए है। कई लोग जम्मू पहुंच गए हैं।
अजय नाम के एक व्यक्ति ने गुरुवार को एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, ” मौजूदा समय में कश्मीर में 1990 के दौर से भी भयावह हालात हो गए हैं। सबड़े बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों हमारे ही लोग कॉलोनियों में लॉक है? प्रशासन अपनी नाकामी को क्यों छिपा रहा है?”
पीडीपी ने कहा-चरमरा गई है कानून-व्यवस्था
घाटी में बिगड़ते माहौल पर राज्य में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने मजदूरों पर आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। राजनीतिक पार्टी पीडीपी ने कहा, ” घाटी में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। क्या सरकार अब भी यहां हालात समान्य होने का राग अलापेगी?”
वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इन हमलों को लेकर कहा, ” यहां कानून-व्यवस्था कितनी अच्छी है इसका अंदाजा आप एक दिन में दो-दो आतंकी हमले से लगा सकते हैं। 24 घंटे में दो लोगों की जान चली गई।”
शाह ने बुलाई बैठक
घाटी में बैंक मैनेजर की हत्या के कुछ ही घंटों बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक बुलाई, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में घाटी में सुरक्षा हालात पर चर्चा की गई, जहां मई से ही लगातार टारगेट किलिंग की घटनाएं सामने आ रही हैं।
यह भी पढ़ें : असम के सीएम ने ऐसा क्यों कहा कि ‘महात्मा गांधी नहीं हैं राहुल गांधी’
यह भी पढ़ें : नेपाल : हिन्दू राष्ट्र बनाम राष्ट्रवाद पर होगा आम चुनाव?
यह भी पढ़ें : आज भाजपा का दामन थामेंगे हार्दिक पटेल
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अजीत डोभाल और खुफिया एजेंसी रॉ (रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग) के प्रमुख सामंत गोयल ने दोपहर बाद करीब एक घंटे तक शाह के साथ उनके नार्थ ब्लॉक कार्यालय में बातचीत की।