न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ नवंबर को नवनिर्मित करतारपुर कॉरिडोर से पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए पहले जत्थे को रवाना कर सकते हैं। करतारपुर कॉरिडोर से जाने वाले श्रद्धालुओं को वीजा की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन इसके लिए पासपोर्ट का होना जरूरी होगा।
20 अक्टूबर से इसके लिए बने विशेष पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लेकिन 20 डॉलर फीस पर अभी तक स्थिति साफ नहीं है। पांच हजार श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन करने के लिए जा सकेंगे।
कॉरिडोर की सड़क और श्रद्धालुओं के बनने वाले पैसेंजर टर्मिनल के निर्माण का जायजा लेने के बाद लैंड पोर्ट अथारिटी के चेयरमैन और गृहमंत्रलय में अतिरिक्त सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि कॉरिडोर के निर्माण का काम 80 फीसद हो चुका है और 31 अक्टूबर तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आठ नवंबर को पहले जत्थे को भेजने का प्रस्ताव भेजा गया है और इसके लिए बातचीत चल रही है। ध्यान देने की बात है कि दो दिन पहले केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आठ नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी के हाथों कॉरिडोर का उद्घाटन होने का एलान किया था।
ऐसे में माना जा रहा है कि सब कुछ ठीक रहा तो प्रधानमंत्री आठ नवंबर को ही पहले जत्थे को करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए रवाना कर सकते हैं। बहरहाल, कॉरिडोर के ग्राउंड जीरो पर भारत और पाकिस्तान के बीच अविश्वास की छाप साफ देखी जा सकती है।
भारत की तरफ कॉरिडोर पर पुल बनकर तैयार है, लेकिन ग्राउंड जीरो के पार पाकिस्तान की ओर इसका नामोनिशान नहीं है। इस कारण पैसेंजर टर्मिनल से रैंप के सहारे सीधे पुल से होकर श्रद्धालुओं को पाकिस्तान भेजने की भारत की मंशा धरी रह गई।