न्यूज डेस्क
देश की सबसे पुरानी पार्टी इन दिनों बेहद खराब दौर से गुजर रही है। एक तरफ राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं दूसरी ओर जिन राज्यों में कांगेस की सरकार है वहां आए दिन कोई न कोई बड़ा बवाल शुरू हो जा रहा है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट दो गुट में बंट गये हैं। वहीं, मध्य प्रदेश कमलनाथ सरकार भितरघात से परेशान है।
दूसरी ओर कर्नाटक में बन रहे नए राजनीतिक हालात भी कांग्रेस के लिए सही नहीं दिख रहे हैं। पिछले कई दिनों से जेडीएस और प्रदेश कांग्रेस के बीच चल रही राजनैतिक रस्सा कस्सी के बीच बीजेपी ने अपना दांव चल दिया है।
Bengaluru: 8 Congress& 3 JDS MLAs at Assembly speaker office (earlier visuals) #Karnataka pic.twitter.com/Uzb7YY64ev
— ANI (@ANI) July 6, 2019
इस बीच कर्नाटक में सरकार बने अभी एक साल भी पूरे नहीं हुए हैं और सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बताया जाता है कि कांग्रेस और जेडीएस के 11 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। इन विधायकों में 9 कांग्रेस के हैं, जबकि तीन विधायक जनता दल सेकुलर (जेडीएस) के हैं। इस बीच कर्नाटक में गहराए राजनीतिक संकट को देखते हुए कांग्रेस महासचिव केके वेणुगोपाल कर्नाटक के लिए रवाना हो गए है।
11 विधायकों का इस्तीफा विधानसभा स्पीकर के पास भेजा गया है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कर्नाटक सरकार पर बढ़े संकट को देखते हुए सभी विधायकों और नगर सेवकों की एक आपात बैठक बुलाई है।
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इससे पहले कांग्रेस के विजयनगर विधायक आनंद सिंह और गोकके विधायक राजेश जरकीहोली ने अपनी विधानसभा की सदस्यता से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। इन दो इस्तीफों के बाद कर्नाटक में कांग्रेस के अब 77 विधायक बचे थे जबकि जेडीएस के पास 37 विधायक बचे हैं। इस तरह से दोनों के पास कुल 117 विधायक हैं।
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बताते चले कि 224 सीटों वाले कर्नाटक विधानसभा में सत्ता हासिल करने का जादुई आंकड़ा 113 है। दूसरी ओर मुख्य विपक्षी बीजेपी के पास 105 विधायक हैं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का एक विधायक और एक स्वतंत्र विधायक है।