जुबिली स्पेशल डेस्क
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव खत्म हो गया है। कांग्रेस ने वहां पर बाजी मार ली है और बीजेपी को वहां पर अपनी सत्ता गवांनी पड़ी लेकिन अभी तक नई सरकार का गठन नहीं हो पाया है।
दरअसल कांग्रेस ने भले ही वहां पर 135 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी करने जा रही है लेकिन अभी तक सीएम के चेहरे को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है।
सीएम को लेकर अभी तक सस्पेंस खत्म नहीं हो पाया है। कांग्रेस आलाकमान सिद्धारमैया को सीएम बनाना चाहता है लेकिन उनके रास्ते मेंडीके शिवकुमार आ गए है और वो सीएम की कुर्सी चाहते हैं। ऐसे में कांग्रेस बीच का रास्ता तलाश रही है लेकिन अभी तक ये तय नहीं हो पाया है कि कांग्रेस वहां पर किसको सीएम बनाने जा रही है।
हालांकि सुबह खबर आ रही थी कि सिद्धारमैया सीएम बनेंगे जबकि डीके शिवकुमार को उप मुख्यमंत्री बनाया जायेगा लेकिन दोपहर होते-होते इस पर एक राय नहीं बन पायी क्योंकि डीके शिवकुमार पीछे हटने को तैयार नहीं है। सूत्रों से पता चला है कि कांग्रेस आलाकमान सिद्धारमैया को सीएम बनाना चाहता है।
आलाकमान ने डीके शिवकुमार के सामने 2 प्रस्ताव रखे थे। अब खबर आई है कि वो किसी पर भी सहमत नहीं हैं। फिलहाल बेंगलुरु में चल रहीं शपथ ग्रहण की तैयारियां रोक दी गई हैं।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कर्नाटक मुख्यमंत्री को लेकर जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसकी घोषणा कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे करेंगे।
घोषणा जब तक नहीं होती है, तब तक मुख्यमंत्री के नाम पर चल रही खबरों और अफवाहों पर ध्यान न दें. उन्होंने कहा कि अगले 24 से 48 घंटों में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो जाएगी। मुख्यमंत्री के नाम पर पार्टी में लगातार आलाकमान की निगरानी में चर्चा जारी है।
उधर कांग्रेस के खेमे से एक और बड़ी जानकारी सामने आ रही है। कांग्रेस के एक सूत्र की माने तो सिद्धारमैया ने सत्ता में साझेदारी का सुझाव रखा है। आज तक न्यूज चैनल की एक रिपोर्ट की माने तो उन्होंने अपने सुझाव में कहा है कि पहले 2 साल उन्हें सत्ता सौंपी जाये और फिर अगले तीन साल डीके शिवकुमार को सीएम बनाया जाये।
इसके पीछे उन्होंने तर्क भी दिया है। उनके अनुसार सिद्धारमैया ने कहा, ‘चूंकि वह उम्रदराज़ हैं, इसलिए वे कम से कम 2024 के संसदीय चुनावों तक पहला चरण में सरकार चलाना चाहते हैं। ‘ हालांकि शिवकुमार ने सिद्धारमैया के इस फॉर्मूले को राजस्थान और छत्तीसगढ़ का हवाला देते हुए खारिज कर दिया।