Tuesday - 29 October 2024 - 12:56 PM

कर्नाटक में स्‍पीकर के मास्‍टर स्‍ट्रोक से भाजपा सकते में

सुरेंद्र दुबे 

कर्नाटक में फिर एक बार राजनैतिक दांव पेंच का नया दौर शुरू हो गया है। विधानसभा स्‍पीकर के आर रमेश कुमार ने मास्‍टर स्‍ट्रोक खेलते हुए कल शाम कांग्रेस के 17 में से कुल तीन विधायकों के बारे में ही निर्णय लेते हुए इन्‍हें दलबदल कानून का उल्‍लंघन करने का दोषी मानते हुए विधानसभा की सदस्‍यता के लिए अयोग्‍य घोषित कर दिया। स्‍पीकर ने अपने आदेश में यह भी स्‍पष्‍ट कर दिया कि ये विधायक अब 23 मई 2023 तक विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। शेष 14 बागी विधायकों के बारे में उन्‍होंने कोई निर्णय नहीं लिया, जिससे भाजपा सकते में आ गई।

राजनैतिक पण्डितों का मानना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने निष्‍कासित तीन बागी विधायकों के बारे में कोई विपरीत निर्णय नहीं लिया तो शेष बचे 14 बागी विधायक अपनी सदस्‍यता बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी में वापस लौट सकते हैं और अगर ऐसा होता है तो इन 14 विधायकों को मिलाकर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के विधायकों की संख्‍या बढ़कर 113 हो जाएगी, जो भाजपा के 105 विधायकों से अधिक है।

येदियुरप्‍पा भी राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं और कर्नाटक का मुख्‍यमंत्री बनने पर आमादा हैं, इसलिए वह स्‍पीकर के आर रमेश कुमार की चाल भांप गए और आज सुबह ही राज्‍यपाल वजुभाई वाला से मिलकर भाजपा के 105 विधायकों का समर्थन पत्र देकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।

संविधान विशेषज्ञों के अनुसार, वैसे तो जब तक कांग्रेस के सभी 17 बागी विधायकों के बारे में स्‍पीकर कोई निर्णय न दें, नई सरकार के गठन के लिए प्रयास नहीं किया जाना चाहिए था। परंतु वजुवाला आखिरकार पुराने भाजपाई ही हैं। भले ही वो राज्‍यपाल हो पर एक तरह से पक्षपात करते हुए येदियुरप्‍पा को सरकार बनाने का न्‍यौता दे दिया। येदियुरप्‍पा आज शाम छह बजे अकेले शपथ ग्रहण करने वाले हैं।

राजनीति में मूल्‍यों की गिरावट इस कदर है कि कोई भी संवैधानिक व्‍यवस्‍था या संवैधानिक अपेक्षाओं का निर्वहन  नहीं करना चाहता है। स्‍पीकर जिससे निष्पक्ष होकर निर्णय लेने की अपेक्षा की जाती है, वह भी बागी विधायकों का मामला लंबे समय तक अटकाए रहे। सरकार गिर गई पर बागी विधायकों पर उन्‍होंने कोई फैसला नहीं लिया। भाजपा असमंजस में रही कि जब स्‍पीकर कोई निर्णय ले लेंगे उसके बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा।

कल जब स्‍पीकर ने 17 में से तीन बागी विधायकों को ही अयोग्‍य करार दिया तो भाजपा के रणनीतिकारों को यह बात स्‍पष्‍ट समझ आ गई कि स्‍पीकर ने नया दांव खेल दिया है इसलिए तुरंत सरकार बना लेना ही श्रेयस्‍कर है वर्ना अगर सदस्‍यता जाने के डर से शेष 14 बागी विधायक कांग्रेस में वापस चले गए तो सरकार बनाने का सपना सिर्फ सपना ही रह जाएगा।

जाहिर कि कांग्रेस के जो 17 विधायक बागी हुए थे उनका मूल उद्देश्‍य भाजपा सरकार में मंत्री बनना या उसके समकक्ष पद प्राप्‍त कर सत्‍ता का सुख लेना ही था। इन लोगों को क्‍या मालूम था कि स्‍पीकर महोदय उनके किए कराए पर पानी फेर सकते हैं। इसलिए उनके लिए घर वापसी एक सुरक्षित कदम हो सकता है क्‍योंकि अगर स्‍पीकर ने इनकी सदस्‍यता रद्द कर इन्‍हें अयोग्‍य घोषित कर दिया तो फिर ये कहीं के नहीं रह जाएंगे। मंत्री तो बन नहीं पाए और सदस्‍यता से भी हाथ धो बैठेंगे।।

तो फिर बागी होने का फायदा ही क्‍या हुआ, जिन विधायकों को अयोग्‍य घोषित किया गया है उनमें दो विधायक श्री रमेश जर्किहोली व महेश कुमाताहल्ली कांग्रेस के हैं। तीसरे विधायक आर. शंकर जो कि केपीजेपी पार्टी के हैं वह भी चूंकि अपने दल का कांग्रेस में विलय कराकर शामिल हुए थे, इसलिए कांग्रेस के ही बागी विधायक माने जाएंगे। यानी कि तीनो कांग्रेसी विधायकों को स्‍पीकर ने अयोग्‍य घोषित कर दिया है।

स्‍पीकर रमेश कुमार शेष 14 विधायकों के बारे में फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। बस स्‍पीकर के इसी दांव ने भाजपा नेता येदियुरप्‍पा को आनन-फानन में सरकार बनाने का दावा करने पर मजबूर कर दिया है। स्‍पीकर अयोग्‍य करार दिए गए तीन विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट के संभावित निर्णय के प्रतीक्षा कर अन्‍य बागी विधायकों के बारे में निर्णय लेने चाहते हैं।

संविधान विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट जरूरी नहीं है कि अयोग्‍य करार दिए गए विधायकों के बारे में त्‍वरित निर्णय ले ले। अगर सुप्रीम कोर्ट स्‍पीकर की इस कार्रवाई को वैध मान लेता है तो हो सकता है कि शेष बचे 14 बागी विधायक अयोग्‍यता से बचने के लिए कांग्रेस में वापस लौट आएं।

अगर ऐसा होता है तो विधानसभा में दलिय स्थिति पुन: कांग्रेस के पक्ष में हो जाएगी। अब ये देखना होगा कि क्‍या अयोग्‍य करार दिए गए बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट में कोई मुकदमा दायर करते हैं कि नहीं और सुप्रीम कोर्ट इस पर क्‍या कार्रवाई करती है।

(लेखक वरिष्‍ठ पत्रकार हैं, लेख उनके निजी विचार हैं)

ये भी पढ़े: भाजपा का इंजन चालू आहे

ये भी पढ़े: मुस्लिम समाज में मोदी की घुसपैठ

ये भी पढ़े: कैसे होगा एक देश में एक चुनाव

ये भी पढ़े: क्‍या कांग्रेस को किसी भरत की तलाश है

ये भी पढ़े: जनप्रतिनिधियों के आगे बौना पड़ता सिस्‍टम

ये भी पढ़े: इमरान ने फिर दुनिया की आंख में धूल झोंकी

 

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com