जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कर्नाटक विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की है। इस जीत से कांग्रेस को फिर से जिंदा कर दिया है। इतना ही नहीं ये जीत कांग्रेस को 2024 में एक नई राह दिखा सकती है।
कर्नाटक विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की जीत कई वजहों से मिली है। वहां पर कांग्रेस का संगठन जमीनी स्तर पर मजबूत है जबकि उसके पास सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार जैसे मजबूत और अनुभवी नेता भी है। वहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक में कांग्रेस की राह को और आसान बना दिया।
कांग्रेस ने वहां पर लोकल मुद्दों पर ज्यादा फोकस किया जबकि सिद्दरमैया ने अहिंदा पर अपना पूरा जोर लगाया। अहिंदा क्या है ये जानना भी बेहद जरूरी है।
देवराज उर्स के रास्ते पर मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी कर्नाटक में बीजेपी को बाहर करने की रणनीति बनाई जो कारगर साबित हुई । देवराज उर्स ने AHINDA का फॉर्मूला दिया था। एक ऐसा सामाजिक समीकरण जो सत्ता की सीढ़ी बन गया। AHINDA में शामिल हैं – Alpasankhataru (अल्पसंख्यक), Hindulidavaru (पिछड़ा वर्ग) और Dalitaru यानी दलित।
अहिंदा एक कन्नड़ शब्द है। इसमें अल्संख्यक को अल्पसंख्यतारु, पिछड़ों के लिए हिंदुलीदावारू जबकि दलितों के लिए दलितारु ये तीनों जब मिलते हैं तब अहिंदा शब्द बनता है। कांग्रेस के अनुभवी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने इसी समीकरण पर अपना फोकस लगा डाला।
इसी को लेकर रणनीति बनायी और फिर इस पर काम किया। इतना ही नहीं उन्होंने 2015 में वहां जातिगत जनगणना भी करवाई थी।
हालांकि उनकी रिपोर्ट बाहर आ गई थी लेकिन सिद्दरमैया का काम हो गया था क्योंकि उनको पता चला गया था कि लिंगायत वहां पर 17 प्रतिशत नहीं है बल्कि सिर्फ 9 प्रतिशत है जबकि वोक्कालिंगा की आबादी जो पहले लगभग 15 प्रतिशत हुआ करती थी।
वह घटकर 8 प्रतिशत रह गई है। ऐसे में सिद्दारमैया ने चुनाव से पहले ही सोशल इंजीनियरिंग पर काम करना शुरू कर दिया जिसका उनको बड़ा फायदा मिला है। अब देखना होगा कि विधान सभा चुनाव में मिली जीत से कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से कितना फायदा मिलता है।
कांग्रेस के लिए कर्नाटक से खुशी की खबर आई है। दरअसल वहां पर कांग्रेस की सरकार बनना तय नजर आ रहा है।
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती शुरू हो गई है और अभी पोस्टल बैलेट की गिनती जारी है। रुझानों से पता चलता है कि कांग्रेस को वहां पर स्पष्ठ बहुमत मिल गया है।
इसके साथ उसे अपने दम पर सरकार बनाने से कोई नहीं रोक पायेगा। कांग्रेस अभी 133 सीटों पर आगे चल रही है जबकि बीजेपी 65 सीटों पर सिमटती हुई नजर आ रही है।
वहीं जेडीएस 22 पर रुकती हुई नजर आ रही है।कर्नाटक की 224 सीटों पर मतदान हुआ था। मोदी ने बीजेपी की जीत का दावा किया था लेकिन अब इसका उल्ट नजर आ रहा है।