जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले कुछ समय से कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ उनकी ही पार्टी के नेता मोर्चा खोले हुए हैं। राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग नेता कर रहे हैं।
फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच एक ऑडियो वायरल हुआ है। यह ऑडियो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील का बताया जा रहा है। हालांकि कतील ने इसे फर्जी बताया है।
ऑडियो में भाजपा अध्यक्ष कतील किसी शख्स से कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन तय होने की बात कह रहे हैं।
राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं ने एक बार फिर जोर पकड़ा जब बीते शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की।
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इसके बाद मुख्यमंत्री येदियुरप्पा शनिवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मिले।
इन मुलाकातों के बाद मीडिया में ऐसी चर्चा है कि येदियुरप्पा अपने पद से इस्तीफा देंगे। चर्चा यह भी है कि भाजपा हाईकमान नए मुख्यमंत्री का नाम तय करने में जुटा है।
दरअसल कुछ दिन पहले पार्टी ने उत्तराखंड में भी नेतृत्व परिवर्तन किया था इसलिए कर्नाटक में भी ऐसा ही कयास लगाया जा रहा है।
इस बीच, 26 जुलाई को भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई है और उस दिन कोई बड़ा एलान होने की संभावना है।
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‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के अनुसार वायरल ऑडियो क्लिप 47 सेंकेंड की है। इसमें जो आवाज है वह नलिन कुमार कतील की आवाज से मिलती-जुलती है। इसमें कतील बातचीत के दौरान कथित रूप से कहते हैं कि राज्य में हर हाल में नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है और एक नई टीम सामने आएगी। यह बातचीत दक्षिण कन्नड़ की स्थानीय तुलु बोली में हो रही है।
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इस वायरल ऑडियो में भाजपा अध्यक्ष कतील कथित रूप से कहते हैं कि मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला दिल्ली में किया जाएगा और राज्य का कोई नेता इस पद की दौड़ में शामिल नहीं है।
ऑडियो वायरल होने के बाद से कर्नाटक की सियायत में हड़कंप मचा तो भाजपा अध्यक्ष कतील आगे आए और कहा कि उनका इस ऑडियो से कोई लेना-देना नहीं है और वह इस बारे में सीएम येदियुरप्पा से शिकायत करेंगे।
कतील ने कहा कि इस ऑडियो का सच क्या है, इसकी जांच किए जाने की जरूरत है।
वहीं इंडिया टुडे की खबर के अनुसार सीएम येदियुरप्पा उनकी शर्तों को माने जाने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इनमें पहली और बड़ी शर्त यह है कि उनके दोनों बेटों- बी.वाई. विजयेंद्र और बी.वाई. राघवेंद्र को केंद्र सरकार में बेहतर जगह दी जाए। इसके अलावा भी कुछ और शर्तें हैं।
बताया जा रहा है कि अगर उनकी ये शर्तें मान ली जाती हैं तो वह पद छोड़ देंगे और प्रधानमंत्री मोदी के दिए निर्देशों का पालन करेंगे।
हाल ही में जब येदियुरप्पा की बेहद करीबी शोभा करंदलाजे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, तभी यह चर्चा हुई थी कि येदियुरप्पा और हाईकमान के बीच रिश्ते सुधर रहे हैं, वरना इससे पहले दक्षिण के इस दिग्गज नेता की लंबे समय तक प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात नहीं हो सकी थी।
विजयेंद्र को लेकर आपत्ति
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा अपनी सियासी विरासत अपने बेटे विजयेंद्र को सौंपना चाहते हैं। विपक्षी नेता आरोप लगाते हैं कि कर्नाटक सरकार में सभी बड़े फैसले विजयेंद्र ही ले रहे हैं और येदियुरप्पा सिर्फ नाम मात्र के मुख्यमंत्री रह गए हैं।
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विपक्ष को ही नहीं बल्कि बीजेपी के कई नेताओं को भी विजयेंद्र के दखल से आपत्ति है। विजयेंद्र को ‘कर्नाटक का सुपर सीएम’ भी कहा जाता है।
कई नेता हैं मुख्यमंत्री पद के दावेदार
कर्नाटक में भाजपा के कई नेता मुख्यमंत्री बनने की कतार में हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण संगप्पा सावदी का नाम शामिल है। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी. एल. संतोष से येदियुरप्पा का छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है।
संतोष चाहते हैं कि येदियुरप्पा की जगह वह या उनका कोई करीबी राज्य का मुख्यमंत्री बने।
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिराने और बीजेपी की सरकार बनाने का श्रेय येदियुरप्पा को ही जाता है, लेकिन भाजपा की सरकार बनते ही आलाकमान ने तीन डिप्टी सीएम बनाकर उनके हाथ-पांव बांध दिए थे।