न्यूज़ डेस्क
आज देश अपना बीसवां कारगिल दिवस मना रहा है। यही वो दिन था जब भारतीय सशत्र बलों ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन विजय को पूरा किया था और पाकिस्तान को धूल चटाई थी। पाकिस्तान ने साल 1971 में हुए युद्ध के दौरान अपमानित होने के 28 साल बाद यह नापाक हरकत की थी। ऐसे में द्रास कारगिल में एक बार फिर आज देशभक्ति गूँज रही है क्यों कि कारगिल की हवा और फिजा में देशभक्ति और शौर्य के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।
युद्ध में शहीद हुए देशभक्तों के लिए शुक्रवार को मेला लग रहा है। शहीदों के सम्मान के लिए लोग दूर दूर से शहीद स्मारक पहुंच रहे है, जहां कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। इसके अलावा इस मौके पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मोदी सहित कई बड़े नेताओं ने शहीदों को याद किया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया नमन
इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा कि ‘कारगिल विजय दिवस’, हमारे कृतज्ञ राष्ट्र के लिए 1999 में कारगिल की चोटियों पर अपने सशस्त्र बलों की वीरता का स्मरण करने का दिन है। हम इस अवसर पर, भारत की रक्षा करने वाले योद्धाओं के धैर्य व शौर्य को नमन करते हैं। हम सभी शहीदों के प्रति आजीवन ऋणी रहेंगे। जय हिन्द!
On Kargil Vijay Diwas, a grateful nation acknowledges the gallantry of our Armed Forces on the heights of Kargil in 1999.
We salute the grit and valour of those who defended India, and record our everlasting debt to those who never returned.
Jai Hind! 🇮🇳 #PresidentKovind
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 26, 2019
पीएम मोदी ने किया ट्वीट
पीएम मोदी ने इस दौरान ट्वीट कर कहा कि कारगिल विजय दिवस पर मां भारती के सभी वीर सपूतों का मैं हृदय से वंदन करता हूं। यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है। इस अवसर पर उन पराक्रमी योद्धाओं को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। जय हिंद!
कारगिल विजय दिवस पर मां भारती के सभी वीर सपूतों का मैं हृदय से वंदन करता हूं। यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है। इस अवसर पर उन पराक्रमी योद्धाओं को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। जय हिंद! pic.twitter.com/f7cpUFLO9o
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2019
कब हुआ था कारगिल
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था। इसकी शुरुआत आठ मई 1999 को हुई थी। इस दौरान पाकिस्तानी फौजियों और कश्मीरी आतंकियों को कारगिल की चोटी पर देखा गया था। वहीं पाकिस्तान इस ऑपरेशन की तैयारी एक साल पहले (1998) से कर रहा था। इस को लेकर पाकिस्तान का दावा झूठा साबित हुआ कि कारगिल लड़ाई में सिर्फ मुजाहिद्दीन शामिल थे। बल्कि इस लड़ाई में पाकिस्तान के नियमित सैनिक भी शामिल थे। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व अधिकारी शाहिद अजीज ने यह राज उजागर किया था।
कारगिल शुरू होने से पहले जनरल परवेज मुशर्रफ ने हेलिकॉप्टर से नियंत्रण रेखा पार की थी और भारतीय भूभाग में करीब 11 किमी अंदर एक स्थान पर रात भी बिताई थी। इस काम के लिए पाक सेना ने अपने 5000 जवानों को कारगिल पर चढ़ाई करने के लिए भेजा था।
तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस बात को स्वीकारा था कि करगिल का युद्ध पाकिस्तानी सेना के लिए एक आपदा साबित हुआ था। पाकिस्तान ने इस युद्ध में 2700 से ज्यादा सैनिक खो दिए थे। पाकिस्तान को 1965 और 1971 की लड़ाई से भी ज्यादा नुकसान हुआ था।