न्यूज डेस्क
भाजपा नेता कपिल मिश्रा की सुरक्षा को लेकर मंगलवार की सुबह से ही कई तरह के दावे किये जा रहे थे। दरअसल कहा जा रहा था कि वाई प्लस सिक्योरिटी कपिल मिश्रा को दी गई है लेकिन अब इस मामले में दिल्ली पुलिस का बड़ा बयान सामने आ रहा है। दिल्ली पुलिस ने कपिल को किसी भी तरह की सुरक्षा व्यवस्था देने से साफ इनकार कर दिया है। दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया है कि कपिल मिश्रा को कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है। कपिल मिश्रा को वाई प्लस सिक्योरिटी देने की बात गलत है।
इससे पहले खबर आ रही थी कि भड़काऊ भाषण देने वाले भाजपा नेता कपिल मिश्रा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा में इजाफा करते हुए उन्हें वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है लेकिन अब दिल्ली पुलिस ने इससे साफ इनकार किया है। दिल्ली में संयुक्त पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार ने कहा है कि कपिल मिश्रा को सुरक्षा नहीं दी गई है।
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गौरतलब है कि इससे पहले कपिल मिश्रा को 2017 में सुरक्षा दी गई थी, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन के दौरान उन पर हमला हुआ था। उस वक्त वह आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक थे। हालांकि, उस दौरान उन्होंने सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया था।
पिछले साल भाजपा में शामिल हुए कपिल मिश्रा ने 1 मार्च को ट्वीट करते हुए कहा था कि मुझे भारत और विदेश से फोन, व्हाट्सएप और ईमेल पर धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने यह भी ट्वीट किया कि उन्हें अपने खिलाफ शुरू किए गए नफरत वाले अभियान से डर नहीं लगता।
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हालांकि बीजेपी नेता को दो निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) मिले हैं, जो उनके साथ चौबीसों घंटे रहेंगे। इसके अलावा चार और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार, पीएसओ में से एक स्वचालित राइफल से लैस होगा, जबकि दूसरे के पास पिस्टल होगा। बाकी चारों पुलिसकर्मी हथियारों से लैश रहेंगे।
कपिल पर है भड़काऊ भाषण देने का आरोप
दिल्ली हिंसा के एक दिन पहले मतलब 23 फरवरी को कपिल मिश्रा ने भड़काऊ भाषण दिया था। पुलिस की मौजूदगी में उन्होंने कहा था कि ट्रंप के रहने तक वो लोग शांत है। उनके जाने के बाद पुलिस उन्हें नहीं रोक पायेगी।
कपिल मिश्रा ने जाफराबाद क्षेत्र के मौजपुर चौक पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में एक सभा का नेतृत्व किया था। इसके बाद सीएए समर्थक और विरोधी आमने-सामने आ गए और हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा की चपेट में आने से अब तक 46 लोगों की मौत हुई है।
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कपिल मिश्रा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई है और उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगी, जबकि दिल्ली हाईकोर्ट 13 अप्रैल को सुनवाई करेगी।