जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश के कानपुर में बिकरू कांड में आरोपी विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे की मुश्किलें बढती हुई दिखाई पड़ रही हैं। आलम ये हैं कि उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। दरअसल, उन पर एक एफआईआर दर्ज हुई थी जोकि फर्जी आईडी से सिम लेने के आरोप में थी। वहीं कोर्ट से चार्जशीट लगने तक अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज हो गई है। इसके बाद पुलिस रिचा दुबे को जल्द गिरफ्तार कर सकती है।
वहीं इस मामले में विकास दुबे के खास रहे गुड्डन त्रिवेदी की पत्नी कंचन की भी अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है। गौरतलब है कि एसआईटी जांच में ये बात सामने आई है कि विकास दुबे की पत्नी ने फर्जी आधारकार्ड पर सिम लिया था। उसी सिम का वो इस्तेमाल कर रही हैं।
इस पर चौबेपुर पुलिस ने उनपर धोखाधड़ी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस पर रिचा ने जिला जज से मामले में चार्जशीट लगने तक अग्रिम जमानत मांगी थी।
वहीं कानपुर के पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रीतिंदर सिंह का कहना है कि इन गड़बड़ियों का खुलासा एसआईटी की जांच में हुआ है। एसआईटी ने इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा एसआईटी ने बिकरू कांड की जांच की जो रिपोर्ट यूपी सरकार को भेजी उसमें 40 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की सिफारिश की है। इसमें एसपी से लेकर कई बड़े अधिकारी भी शामिल हैं।
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बता दें कि दो-तीन जुलाई की रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित बिकरू गांव में माफिया सरगना विकास दुबे को गिरफ्तार करने पुलिस की टीम गयी थी जिस पर उसके गुर्गों ने घात लगाकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। इस वारदात में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी।
वहीं विकास दुबे को 9 जुलाई को मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था. और अगले दिन सुबह स्पेशल टास्क फोर्स के साथ हुई कथित मुठभेड़ में वह मारा गया था।