जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में अपराध और अपराधी पर अधिक नियंत्रण बनाने के लिए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एक और मजबूत कदम बढ़ाने जा रही है। सूबे की राजधानी लखनऊ के साथ ही गौतमबुद्धनगर के बाद प्रदेश सरकार अब तो और महानगरों में पुलिस कमिश्नर तैनात करेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शीर्ष वरीयता अब भी उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था ही है। लखनऊ के साथ ही गौतमबुद्धनगर में प्रदेश की सरकार ने प्रयोग के तौर पर पुलिस कमिश्नर को तैनात किया। दोनों जगह पर एक वर्ष से भी अधिक के समय में सरकार को वांछित सफलता मिली है। इसी के बाद से योगी आदित्यनाथ सरकार पुलिस कमिश्नर प्रणाली को अन्य महानगरों में भी लागू करने की तैयारी में लगी है।
प्रदेश सरकार अब वाराणसी तथा कानपुर में पुलिस कमिश्नर तैनात करेगी। सरकार की योजना वाराणसी और कानपुर में पुलिस कमिश्नर तैनात करने की है। योगी आदित्यनाथ सरकार गुरुवार को मुख्यमंत्री के आवास पर उनकी अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक में दो महानगरों में पुलिस कमिश्नर तैनात करने की अपनी योजना पर मुहर लगवाएगी।
कैबिनेट बैठक से आज प्रस्ताव पास होगा। इस तरह से अब लखनऊ व गौतमबुद्धनगर के बाद दो अन्य जिलों में पुलिस कमिश्नरेट होंगे। यहां पर भी एडीजी या उनके स्तर के अधिकारी पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात होंगे। अब वाराणसी और कानपुर में पुलिस कमिश्नर तैनात होंगे।
बता दें कि लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू किए जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल कहा था कि प्रदेश में कमिश्नरी सिस्टम उन जिलों में लागू किया जाना चाहिए, जहां पर आबादी 10 लाख से ज्यादा हो। लखनऊ में 29 लाख तो नोएडा जिले की आबादी 25 लाख के करीब है।
कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद लखनऊ और नोएडा में पुलिस प्रशासन की व्यवस्था बदल गई है। अब तक हर जिले में सीनियर एसपी (एसएसपी) ही पुलिस विभाग के हेड हुआ करते थे, लेकिन अब सिस्टम बदल गया है। सीनियर स्तर के अधिकार यानी एडीजी (ADG) कमिश्नर नियुक्त किए गए।
बताया जा रहा है कि लखनऊ और नोएडा के पुलिस कमिश्नर के तरह ही कानपुर और बनारस के कमिश्नर के पास 15 अतिरिक्त अधिकार होंगे। कानून-व्यवस्था देखने का काम जो अब तक जिलाधिकारी देखा करते थे अब यह पुलिस कमिश्नर के अधिकार क्षेत्र में आ जाएगा। इनके पास कुछ मजेस्ट्रेटियल अधिकार भी आ जाएंगे।